सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत मिलने के बावजूद पत्रकार सिद्दीक कप्पन जेल में क्यों हैं?

इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों यूएपीए व अन्य मामलों के तहत गिरफ्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को लगभग दो साल बाद ज़मानत दी है, लेकिन अब तक उनकी रिहाई नहीं हो सकी है.
सिद्दीक को तीन अन्य साथियों के साथ उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हाथरस में एक दलित युवती के गैंग रेप और उसके मौत के बाद रिपोर्टिंग के लिए हाथरस जा रहे थे.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जा रहे पत्रकार सिद्दीक कप्पन व तीन अन्य साथियों को मथुरा से हिंसा की साज़िश रचने के आरोप में 6 अक्टूबर, 2020 को गिरफ्तार किया था.
पुलिस द्वारा उन पर आतंकवाद विरोधी कानून और यूएपीए के प्रावधानों तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने उस पर अशांति पैदा करने और विरोध करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.

लंबित है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें अन्य मामलों में ज़मानत मिल चुकी है हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के कारण कप्पन अभी भी जेल में बंद है.

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सिद्दीक कप्पन की गिरफ्तारी के बाद ईडी अधिकारियों ने उनके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. फरवरी 2021 में कप्पन और पीएफआई के चार पदाधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी.
ईडी के सूत्रों के अनुसार, “सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव केए रऊफ शेरिफ ने खाड़ी में पीएफआई सदस्यों के माध्यम से धन जुटाया और अवैध तरीकों से भारत भेजा.”

अपनी शिकायत में, ईडी ने दावा किया कि, “केए शेरिफ ने मसूद अहमद और अतीकुर रहमान को फंड दिया. ईडी ने दावा किया है कि यह उन पैसों का उपयोग कर रहा था, मसूद ने यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से 15 दिन पहले हाथरस जाने के लिए 2.25 लाख रुपये में एक कार खरीदी थी.”

कप्पन को रिहा क्यों नहीं किया गया?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिद्दीक कप्पन को ज़मानत देने के बाद लखनऊ की एक अदालत ने यूपी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले के संबंध में कप्पन के रिहाई के आदेश जारी किए गए.

लाइवलॉ.इन के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अनुरोध मिश्रा ने कप्पन को एक-एक लाख रुपये का निजी बॉन्ड भरने और इतनी ही राशि का जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था.
हालांकि, जेल अधिकारियों ने कप्पन खिलाफ लंबित ईडी मामले के कारण उसे रिहा नहीं किया.

डीजी जेल पीआरओ संतोष वर्मा ने पीटीआई को बताया था, “कप्पन जेल में ही रहेगा क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही. एक मामला अभी भी लंबित है.”
जानकारों के मुताबिक किसी आरोपी को अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों में जमानत लेनी होती है और तभी उसे जेल से रिहा किया जा सकता है.

कौन हैं सिद्दीकी कप्पन?
सिद्दीकी कप्पन केरल के एक रिपोर्टर हैं जो मलयालम समाचार पोर्टल अज़ीमुखम के लिए काम करते हैं. वह केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (KUWJ) दिल्ली इकाई के सचिव भी हैं. मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, वह एक कंप्यूटर इंजीनियर है.

उन्होंने कुछ समय के लिए सऊदी अरब में काम किया और 2011 में भारत लौट आए जब उनके पिता का निधन हो गया और तब से वे विभिन्न मलयालम मीडिया वेबसाइट के लिए काम कर रहे हैं. कप्पन विवाहित है और उनके तीन बच्चे हैं. वह करीब छह साल से दिल्ली में काम कर रहे थे.

खबर साभार: इंडिया टुमारो

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