आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन के फिल्मी करियर में एक समय ऐसा भी था जब मीडिया ने उन्हें न सिर्फ पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था, उनकी तस्वीरें लेना भी पसंद नहीं करती थी.कुछ समय पहले अमिताभ बच्चन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय में मीडिया ने उनकी कवरेज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था.
1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया तो उन्होंने प्रेस पर भी प्रतिबंध लगा दिए. अमिताभ बच्चन के अनुसार, फिल्म मीडिया का मानना था कि मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों के लिए अमिताभ बच्चन भी जिम्मेदार थे, इसलिए मीडिया ने उनकी खबरों, तस्वीरों और साक्षात्कारों का पूरी तरह से बहिष्कार किया.
1970 के दशक के दौरान अमिताभ बच्चन एक नायक के रूप में उभरने लगे और उन्हें स्टार का दर्जा मिला. फिर भी मीडिया ने उनकी तस्वीरों और साक्षात्कारों को प्रसारित करने से बिल्कुल इनकार कर दिया.अमिताभ बच्चन ने कहा कि जब भी वह किसी समारोह या फिल्म प्रीमियर में शामिल होते, तो फोटोग्राफर विरोध में अपने कैमरे नीचे रख देते थे और कभी-कभी तो फिल्म के क्रेडिट में भी उनका नाम शामिल नहीं किया जाता था.
अमिताभ बच्चन ने एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि जब उनकी सुपरहिट फिल्म दीवार रिलीज हुई थी तो बेस्ट एक्टर की ट्रॉफी संजीव कुमार को फिल्म आंधी के लिए दी गई.अमिताभ बच्चन को अपने प्रतिद्वंदी अभिनेता को यह ट्रॉफी देने के लिए मंच पर बुलाया गया था.उस समय के कई टिप्पणीकारों और मीडिया आउटलेट्स ने कहा कि यह कृत्य मुझे शर्मिंदा करने के लिए किया गया था.
अमिताभ बच्चन ने कहा कि मीडिया का उनके प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया 15 वर्षों तक जारी रहा. यह तभी समाप्त हुआ जब उनकी एक घातक दुर्घटना हुई.फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन के साथ ऐसा भयानक हादसा हुआ कि बैन के बावजूद एक मशहूर मैगजीन ने एक्टर के बारे में सहानुभूतिपूर्ण कॉलम लिखा, जिससे अमिताभ हैरान रह गए.
जब अमिताभ ठीक हुए तो वे पत्रिका के संपादक से मिलने गए और उनसे कहा कि मीडिया उन्हें असफल तो करना चाहता है, लेकिन उनकी मृत्यु नहीं.