इस्लाम धर्म में कुरान को सबसे पवित्र पुस्तक माना जाता है। हर मुसलमान इस किताब को अपनी जान से भी ज्यादा प्रेम करता है। वह अपना पूरा जीवन कुरान के अनुसार ही व्यतित करता है।
प्रत्येक मुसलमान का कुरान पर ईमान है। कुरान में न केवल जिंदगी जीने के बल्कि मौत के बाद से कयामत तक की जानकारी दी गई है। ऐसे में कुरान की महत्वता और बढ़ जाती है। कुरान ही मुसलमानों को बुराई से बचने का हुक्म देता है और अच्छे कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
ऐसे में पाकिस्तान की रहने वाली एक महिला नसीम अखतर ने अपने जीवन के 32 साल कुरान समर्पित कर दिये। उन्होने हाथों से कढ़ाई कर कुरान को लिखने गौरव प्राप्त किया। वह अकेले ही 32 साल से इस काम में जुटी रही।
उन्होने बताया कि उन्हे अपनी युवाअवस्था में इस बात का ख्याल आया था। जिसके लिए उन्होने जी-जान से काम किया। उन्हे अपने 32 साल के इस काम पर गर्व महसूस होता है। इसके लिए उन्होने अल्लाह का भी शुक्र अदा किया।
नसीम ने एआरवाई न्यूज़ को बताया कि उसे एक या कभी-कभी, प्रति दिन 2 लाइनें सिलने में पूरा दिन लग जाता था क्योंकि उसे कोई गलती न करने के लिए अत्यधिक सतर्क रहना पड़ता था। “मैंने इसे दूसरे कुरान से कॉपी किया है। कभी-कभी मैं केवल 2 पंक्तियाँ बना पाती थी, कभी-कभी 3। इसे बनाना इतना आसान नहीं था क्योंकि मुझे यह सुनिश्चित करने के लिए शब्द भी पढ़ना था कि कोई गलती न हो। ”
नसीम अब चाहती है कि उसका कुरान दुनिया भर में उनके देश का प्रतिनिधित्व करे, “मैं चाहती हूं कि यह कुरान पाकिस्तान द्वारा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जमा किया जाए। ऐसा कोई कुरान नहीं है जिस पर हाथ से कढ़ाई की गई हो। यह मेरी इच्छा है कि मैं अपने पाकिस्तान की ओर से मदीना शरीफ में इसका प्रतिनिधित्व करूं।