भारत के बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर अनेकता में ही एकता बसती है। इस कहावत को भारत के पूर्वोत्तर का राज्य असम रहने वाले मतिबर रहमान ने चरितार्थ किया है। दरअसल उनका परिवार बीते कई पीढिय़ों से एक प्राचीन शिव मंदिर की देखभाल कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, असम के गुवाहाटी के रंगमहल गांव में 500 साल से भी ज्यादा पुराना भगवान शिव का मंदिर है। इस मंदिर की देखभाल की ज़िम्मेदारी मतिबर रहमान के परिवार के पास ही रही है। जिसे सदियों से पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रहा है। मतिबर रहमान बताते हैं कि यह मंदिर 500 साल पुराना है। हमारा परिवार इस मंदिर की देखभाल करता है। यहां सभी धर्मों के लोग प्रार्थना करने आते हैं।’
वे बताते है कि वे सुबह फजर की नमाज के बाद और मगरिब की नमाज के बाद भांगुरा थान की साफ-सफाई करते हैं। साफ-सफाई के बाद यहां शिव पूजा में गांव के हिंदुओं के साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हो जाते हैं। उन्होने बताया कि पहले उनके पिता इस मंदिर का रख-रखाव करते थे और उनके निधन के बाद उन्होंने खुद इसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। इतना ही नहीं 71 वर्षीय रहमान ने कहा कि उनके बाद उनका बेटा भी इस मंदिर की देखभाल करेगा।
बता दें कि भारत में यह कोई अकेला मंदिर नहीं है जहां हिंदू-मुस्लिम दोनों जाते हों। ऐसे सैकड़ों हैं। यूपी के गोरखपुर स्थित मंदिर से गुरु गोरखनाथ के समय से ही हिंदू से ज्यादा मुसलमान जुड़े रहे हैं। इस मंदिर के आर्किटेक्ट भी निसार अहमद ने किया। यहां के चिकित्सालय से लेकर गोशाला और कोष तक की कमान मुसलमानों के हाथ में ही रही है। यह मंदिर मुस्लिम फकीरों/संतों के लिए जाना जाता है।