गांव में नहीं है कोई मुस्लिम आबादी, लेकिन हिन्दू मानते है मुहर्रम

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-बेलगावी

क्या आपने कभी मुहर्रम के ऐसे जश्न के बारे में सुना है, जिस गांव में कोई मुसलमान न हो और अजादारी होती हो? बेलगावी का एक गांव जहां मुस्लिम आबादी नहीं है, लेकिन सालों से यह त्योहार मनता रहा है. बेलागवी के सौंदत्ती तालुक के हिरेबिदानूर गांव में यह त्यौहार साल में पांच दिन धूमधाम से मनाया जाता है. रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. इस साल यह महीना 31 जुलाई से शुरू होकर 28 अगस्त को खत्म होगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव में वाल्मीकि और कुरुबा लोगों की बड़ी आबादी है. यहां ‘फकीरेश्वर स्वामीजी’ का एक मंदिर है, जहां ग्रामीण रंग-बिरंगी लड़ियों की सड़कों पर रोशनी करते हैं और बड़ी संख्या में फकीरेश्वर स्वामीजी की प्रार्थना करते हैं और मुहर्रम मनाते हैं.

आमतौर पर एक हिंदू पुजारी यहां की इबादतगाह में पूजा करता है. लेकिन ग्रामीण हर साल त्योहार के समय पड़ोसी गांव से एक मौलवी को इस्लामी तरीके से नमाज करने के लिए एक सप्ताह के लिए आमंत्रित करते हैं.

ग्रामीण एक जुलूस निकालते हैं और पांच दिवसीय कार्यक्रम में अपनी कई प्रतिभाओं का प्रदर्शन भी करते हैं, जैसे कि करबल नृत्य, अनोखी रस्सी कला और आग को पार करना, जो पहले और आखिरी दिनों में आयोजित होते हैं.

साभार: आवाज द वॉइस

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