सतानंद भट्टाचार्य / हैलाकांडी
मुजीबुर रहमान एक आदर्श शिक्षक हैं, जिनके तीन बच्चों की ऐसी परवरिश दक्षिण असम के कछार जिले (बराक घाटी) के कटिगारा गाँव में हुई और सोशल मीडिया पर उनकी दो बेटियों के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के बाद उनकी प्रषंसा की जा रही है. उनका इकलौता बेटा फुजैल अहमद,एक योग्य एमबीबीएस डॉक्टर, सरकार के साथ काम कर रहा है. अब उनकी बेटियां वसीमा सिद्दीकी और नसीमा सिद्दीकी भी डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई कर रही हैं.
एक छोटे से गांव के लिए एक पीढ़ी में एक परिवार के तीन डॉक्टर एक बड़ी उपलब्धि है. स्थानीय लोगों के लिए मुजीबुर्रहमान एक आदर्शवादी और ईमानदार व्यक्ति हैं. वे सिद्धेश्वर हायर सेकेंडरी स्कूल कटिगरा में शिक्षक हैं. वह एक छोटे से वेतन से अपने तीन बच्चों को ईमानदारी से पढ़ा रहे हैं.
फुजैल अहमद ने हायर सेकेंडरी परीक्षा में टॉप 20 में जगह बनाई. इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. 2021 में वसीमा को बिहार के भागलपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया और कुछ दिनों बाद नसीमा ने एमबीबीएस के लिए क्वालिफाई भी कर लिया. भागलपुर मेडिकल कॉलेज देश के 400 मेडिकल कॉलेजों में दूसरे नंबर पर है.
परिवार की सफलता की कहानी सोशल मीडिया पर फैल गई. यह सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया है कि एक आदर्श व्यक्ति और एक शिक्षक के उचित पालन-पोषण के कारण बच्चे विकास के शिखर पर पहुँचे हैं. मुजीबुर रहमान ने कहा कि उनके बच्चों को उनकी योग्यता के आधार पर छात्रवृत्ति मिल रही है और उन्हें विभिन्न स्रोतों से वित्तीय सहायता भी मिल रही है.
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने तीन बच्चों को चिकित्सा की पढ़ाई के लिए क्यों प्रोत्साहित किया, रहमान ने कहा कि यह उनकी पूर्व योजना नहीं थी. यह उनके बच्चों की पसंद थी और उन सभी ने अपनी लिखी पहली प्रवेश परीक्षा में क्वालीफाई किया. हालांकि, उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि वह और उनकी पत्नी चिकित्सा उपचार प्राप्त करने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके बच्चे समाज की मदद करने में सक्षम होंगे, क्योंकि ‘‘केवल डॉक्टर ही लोगों को बचा सकते हैं.’’
साभार: आवाज द वॉइस