ये दलित विरोधी मानसिकता की पराकाष्ठा है। ये सबूत है कि चैनलों के ऐसे एंकर दलितों-पिछड़ों आदिवासियों को लेकर घृणा और नफ़रत से भरे हुए है।
लगातार 38 साल तक विधायक। लगातार 9 साल से सांसद। कई सरकारों में कई विभागों के मंत्री। उन्हें चुनौती कौन दे रहा? ‘आप थकते क्यों नहीं’ जैसे सवाल पूछने वाले। शर्म आनी चाहिए।
क्या कभी इन एंकरों ने इसी तेवर के साथ मोदी और अदानी से कोई भी सवाल किया है? वैसे बता दें कि मीडिया वालों का मूल कर्तव्य सत्ता से सवाल पूछना होता है पर हमारे देश में गंगा उल्टी बह रही है। विपक्ष के नेता के सवाल उठाने पर आरोप लगाने पर मीडिया वाले पूरी बेशर्मी से सत्ता पक्ष के प्रवक्ता की तरह मैदान में उतर जाते हैं। इतनी बेशर्मी ये लाते कहाँ से हैं? ज़रूर अपने आका से!
अपने नफ़े के लिए संसद जैसी पवित्र जगह से अनर्गल बयान कैसे दे सकते हैं खड़गे जी, मैं एंकर होने के नाते @kharge जी चैलेंज करती हूँ उसी संसद में साबित करें सरकार ने कौनसे एंकर ख़रीदे हैं,1 पाई किसी की ली होगी तो नौकरी छोड़ दूँगी,हमारे पेशे-मेहनत को अपमानित करने पर वरना माफ़ी माँगिए।
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) February 8, 2023
साभार: नवीन कुमार