इस्लाम से थी नफरत, मस्जिदों को उड़ाने का देखा करता था ख्वाब, अब बन गया खुद मुसलमान

इस्लाम धर्म के बारे में कहा जाता है कि अल्लाह ने इस्लाम धर्म में लचक दी है। यानि इस धर्म को जितना ही कैद किया जाता है या इस पर जितनी ही पाबंदी लगाई जाती है। वह उतना ही फैलता है। इस्लाम के बारे में कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति इस्लाम धर्म से जितनी शिद्दत से नफरत करता है लेकिन इसके करीब आने पर उतनी ही मोहब्बत करता है।

ऐसा ही ‘द संडे प्रोजेक्ट’ नामी टॉक शो से रिचर्ड मैकिने नाम के एक शख्स के साथ हुआ। जो इस्लाम धर्म से नफरत के कारण फेमस था। हाल ही में उन्होने अपने इस्लाम धर्म को अपनाने की कहानी शेयर की है। उन्होने बताया कि उनके मन में इस्लाम और मुस्लिमों के खिलाफ बेतहाशा नफरत थी।

लेकीन वह एक दिन वह अपनी पत्नी के साथ एक दुकान में पहुंचे। जहां काले बुर्के में दो महिलाओं को देखा, मैंने प्रार्थना की कि मुझे इतनी ताकत मिल जाये कि मैं उनके पास जाऊं और उनकी गर्दन तोड़ दूं। लेकीन उन्होने इसके बजाय दोनों महिलाओं को मारने के लिए इस्लामिक सेंटर को उड़ाने के लिए ब’म बनाने की योजना बनाई।

रिचर्ड ने बताया, उनकी 200 से ज्यादा लोगों को मारने की योजना थी। इसी बीच, मैकिने ने मुसलमानों को एक और मौका देने की बात सोची और वह स्थानीय इस्लामिक सेंटर पहुँच गए। जहां किसी ने उन्हे एक कुरान दे दी। जिसे ले जाकर उन्होने घर पढ़ा। 8 सप्ताह बाद उनकी इस्लाम से नफरत खत्म हो गई और वह मुसलमान बन गए।  मुसलमान बनने के कुछ सालों बाद ही वह उसी इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष बन गए जिसे वह कभी ब’म से उड़ाना चाहते थे।

उन्होने बताया कि आज भी  उन्हे इस घटना प यकीन नहीं होता है कि कैसे एक नफरत मोहब्बत में बदल गई। न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुए आतंकी हमले को लेकर भी उन्होने बताया कि उस वक्त वह दोषी ब्रेन्डन टैरेंट के भीतर अपने पुराने मैकिने को देख रहे थे।

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