खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ बताने वाली आम आदमी पार्टी गुजरात में 181 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राज्य में भाजपा का किला वर्ष 1998 से कांग्रेस भी नहीं भेद पाई, लेकिन केजरीवाल अपने पार्टी को बड़ी चुनौती बता रहे हैं।
लेकिन इसी ‘कट्टर ईमानदार’ पार्टी’ ने पहले चरण के लिए सबसे ज़्यादा आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को टिकट दी है।
ADR की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आम आदमी पार्टी के 88 में से 32 (36 प्रतिशत) उम्मीदवारों के खिलाफ आपरधिक मामले दर्ज हैं।
वहीँ दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी पहले चरण में सभी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसके 31 उम्मीदवारों (35 प्रतिशत) पर केस दर्ज हैं। 2017 विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भाजपा के 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे, ये आंकड़ा इस चुनाव में घटकर 16 प्रतिशत हो गया है।
पार्टी के सांसद राघव चड्ढा चुनावी रैलियों में केजरीवाल को अपराधियों के खिलाफ सख़्त एक्शन लेने वाला बताते हैं।
राघव शोले फिल्म का संदर्भ देते हुए कहते हैं, “आज गुजरात से मीलों दूर जब कोई भ्रष्टाचारी रोता है तो उसकी माँ कहती है कि सोजा बेटा सोजा, नहीं तो केजरीवाल आ जाएगा। और तेरे को जेल में डाल देगा।” लेकिन राघव ने ये नहीं बताया कि जिन लोगों को के खिलाफ पहले से ही केस चल रहे हैं, उन्हें पार्टी टिकट देने से पहले दो बार भी नहीं सोचेगी।
क्षेत्रीय दलों में, भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के 29 प्रतिशत उम्मीदवारों ने भी अपने खिलाफ दर्ज हुए आपराधिक मामलों की घोषणा की है। वर्ष 2017 में, यही आंकड़ा BTP के लिए 67 प्रतिशत था।
ध्यान देने वाली बात है कि 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सभी पार्टियों को मिलाकर 15 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज थे। इस बार ये आंकड़ा 21 प्रतिशत है। इसमें आम आदमी पार्टी का बड़ा योगदान है।
कुल मिलाकर इस बार के आपराधिक मामलों वाले 167 उम्मीदवारों में से 100 पर हत्या या बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं।
ADR रिपोर्ट के अनुसार आम आदमी पार्टी के 30 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, बलात्कार, हमला, अपहरण जैसे गंभीर मामलों दर्ज हैं। कांग्रेस के 20 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर मामले चल रहे हैं। भाजपा के 12 प्रतिशत उम्मीदवार गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
साभार: बोलता हिदुस्तान