रोज़गार राजा बिप्लब की विदाई पर युवाओं के नाम रवीश कुमार का पत्र

युवाओ,
एक दुखद ख़बर है। रोज़गार राजा बिप्लब देब ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उनके इस्तीफ़े से महान भारत के युवाओं के रोज़गार स्वप्न खंडित हो सकते हैं। आप लोग क्या करेंगे, यह सोचकर मन दुखी है। मैं बिप्लब देब को ही रोज़गार राजा कहता हूँ। भारत में महल और मूर्ति बनाने वाले राजा तो अनेक हुए, किन्तु रोज़गार राजा एक ही हुए हैं और उनका नाम है, बिप्लब देब सेन।
अप्रैल 2018 में बिप्लब देब ने आप युवाओं को पान की दुकान खोलकर पाँच लाख कमाने का बिप्लबी विचार दिया था। उन्होंने कहा था कि इन दिनों दूध पचास रुपये लीटर है। आप एक गाय पाल लें और दस साल दूध बेचें तो दस साल में दस लाख का बैंक बैलेंस हो जाएगा। क्या आप किसी भी मुख्यमंत्री को जानते हैं, जो भारत के युवाओं के रोज़गार के लिए दस साल तक की कमाई को ‘कैलकुलेट’ कर लेता हो। बिप्लब देब ने किया। फ़रवरी 2018 में मोदी जी ने तो आपको पकौड़ा बेचने का सुझाव दिया था, जिसका आप लोगों ने वोट देकर स्वागत भी किया, लेकिन अंतर देखिए, मोदी जी ने ‘ कैलकुलेट’ कर नहीं बताया कि दस साल पकौड़ा बेचने से कितना बैलेंस होगा। यह काम केवल बिप्लब देब ने किया। इसीलिए बिप्लब देब को मैंने रोज़गार राजा कहा है।
बिप्लब का हटाया जाना आप युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिए हरा नहीं है। भूरा है। आपका भविष्य बंजर ज़मीन के रंग सा भूरा लग रहा है। बिप्लब ने ही कहा था कि उनकी सरकार 30 महीने में सात लाख रोज़गार देगी, बीस महीने गुज़र जाने के बाद ख़बर छपती है कि 2000 रोज़गार दिया गया है। अब बिप्लब बाबू हटा दिए गए हैं तो यह सब किससे पूछेंगे?
मैं जानता हूँ और ये बात बिप्लब बाबू भी जानते हैं कि आप युवाओं को रोज़गार नहीं चाहिए। केवल बयान चाहिए कि मिलने वाला है, तभी तो बयानों में रोज़गार की संख्या लाखों और करोड़ों में होती है। आप यह जानकर कितना ख़ुश होते हैं कि असल में कुछ सैकडों को ही रोज़गार दिया गया है। पकौड़ा बेचना और पान बेचना अच्छा काम है लेकिन यह काम तो आप किसी सरकार के नहीं रहने पर भी कर सकते हैं। रोज़गार राजा बिप्लब देब ने यही साबित कर दिया कि उनकी सरकार के दौर में पान बेचेंगे तो श्रेय सरकार को मिलेगा। पहले लोगों को जब कुछ समझ नहीं आता था तो चाय और पान की दुकान खोल लेते थे। अब बिप्लब बाबू जैसे नेता लोगों को समझा रहे हैं कि पान की दुकान खो लें। कितनी मेहनत करते थे।
मैं किसी सरकार से आग्रह नहीं करता, उनकी नाराज़गी से बचने के लिए मैं इस दौर से आग्रह करता हूँ कि भारत के युवाओं को मुसलमान विरोधी टॉपिक की आपूर्ति बनाए रखें। इन मुद्दों का ग्रहण ही उसका रोज़गार है। उनके हटाए जाने की ख़बर पत्रकारों के भी बेरोज़गार होने की ख़बर है। किसी को पता ही नहीं था कि मुख्यमंत्री को हटाया जाना है। उनका काम केवल प्रोपेगैंडा करना है। ख़बर लाना नहीं। हटा देने के बाद दिल्ली और त्रिपुरा के पत्रकारों को भनक लगी कि त्रिपुरा में बिप्लब यानी क्रांति करने वाले बिप्लब देब मुख्यमंत्री नहीं हैं।
रोज़गार राजा की विदाई हो गई है लेकिन दुखी न हो। आप युवा ही तो उनके राजा हैं। तो राजा ही हैं। अभी आपकी जवानी के दस साल और बचे हैं। दस साल और राजा रहेंगे, सोचिए, हैं न शानदार बात! मेरी राय में बची हुई जवानी के पूरा बर्बाद होने तक मूर्खता का साथ नहीं छोड़ना है। जैसे ही मूर्खता और नफ़रत छोड़ेंगे,बेरोज़गार महसूस करेंगे। अगर आप उनका राजा बने रहना चाहते हैं तो मूर्खता और नफ़रत को कपार में घुसाए रखें।
रवीश

1 thought on “रोज़गार राजा बिप्लब की विदाई पर युवाओं के नाम रवीश कुमार का पत्र

  1. Very True. We all young generations to understand, what we require and what has been offered and fulfilled by the Politicians.

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