पिछले एक साल में सरकारों ने जितना झूठ बोला होगा उतना इस धरती के इतिहास में नहीं बोला गया होगा। डेढ़ महीने बाद रिपोर्ट देकर मरने वालों की संख्या कहाँ ग़ायब कर दी गई होगी पता नहीं। क्या कोई ऐसा भी है जिसके अपनों की मौत के बाद टेस्ट रिपोर्ट आया। टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले मृत्यु प्रमाण पत्र बन गया जिसमें कोविड नहीं लिखा गया।
और अब उसके हाथ में पोजिटिव रिपोर्ट है मगर मृ’त्यु प्रमाण के अनुसार उनके घर में किसी की मौत कोविड से नहीं हुई है ? क्या अब वो मृ’त्यु प्रमाण पत्र में कोविड लिखवाने के लिए कोशिश कर रहे हैं? क्या उनके प्रमाण पत्र में बदलाव के नियम हैं ? अगर ऐसा है तो क्या आप सारी बात मोबाइल फ़ोन से वीडियो बना कर भेज सकते हैं ? अपना नंबर तभी इनबॉक्स कीजिए जब आप मन बना लें। नंबर देकर ग़ायब होने की ज़रूरत नहीं है।
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हमने पिछली बार लोगों से कहा था कि बताइये। ज़्यादातर लोग फ़ोन से बयान रिकार्ड कर भेजने से डर गए। जबकि मुझे लिखा। नंबर दिया। हाल बताया। उसी को फ़ोन से रिकार्ड कर भेजना था। कोई और वजह रही हो तो जाने दीजिए लेकिन अगर इस डर से बयान न बनाया हो तो कितना अफ़सोसनाक है। मुझे स्पष्ट केस स्टडी चाहिए था।