राजस्थान: 250 दलितों ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया, उच्च जाति के उत्पीड़न से थे आहत

रहीम ख़ान
जयपुर | राजस्थान में बारां जिले की छबड़ा तहसील के भूलोन गांव में करीब 250 दलितों द्वारा धर्म परिवर्तन करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. इन परिवारों ने हिंदू धर्म को छोड़ कर बौद्ध धर्म अपनाया है. आरोप है कि कुछ दिनों पहले उच्च जाति के लोगों द्वारा गांव के एक दलित परिवार के साथ नवरात्र की झांकी में देवी दुर्गा की मूर्ति की आरती करने पर मारपीट की गई थी.

देश की आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी जाति के आधार पर दलितों के साथ भेदभाव, छुआछूत, उत्पीड़न और अत्याचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है. दलित उत्पीड़न के मामले मे राजस्थान प्रदेश भी कम नहीं है, पिछले कुछ महीनो में राजस्थान में दलितों के साथ अत्याचार की कई घटनाएं सामने आई हैं.

बारां जिले की छबड़ा तहसील क्षेत्र के गांव भूलोन में 5 अक्टूबर को गांव के दबंग सवर्ण समाज के लोगों द्वारा दलित युवकों के साथ की गई मारपीट से आहत होकर लगभग 250 दलितों ने 21 अक्टूबर शुक्रवार को हिंदू धर्म का त्याग करते हुए बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ ली और अपने घरों से हिंदू देवी- देवताओं की प्रतिमा व चित्र बैथली नदी में विसर्जित कर दिए.

जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने इंडिया टुमारो को बताया कि, “भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को राजेंद्र ऐरवाल व उसके भाई रामहेत ऐरवाल ने नवरात्रा पर गांव में लगाई गई देवी दुर्गा की झांकी में आरती की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे आक्रोशित होकर सरपंच पति राहुल शर्मा व उसके दोस्त लालचंद लोधा ने दोनों दलित युवकों के साथ मारपीट की.”

उन्होंने बताया कि, “नवरात्रा में गांव में लगाई गई झांकी के लिए गांव में सभी से चंदा कर पैसा इकट्ठा किया गया था और झांकी में चंदा देने वाले सभी लोगों को आरती करने का मौका दिया गया था. पीड़ित राजेंद्र ऐरवाल ने भी झांकी के लिए चंदा दिया था लेकिन जब उन्होंने झांकी में आरती की तो उससे आक्रोशित होकर उनके साथ मारपीट की गई.”

मामले की कहीं सुनवाई न होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि, “दलित समाज के लोगों ने राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक, पीड़ित दलित परिवार को न्याय दिलाने के लिए गुहार लगाई परंतु पुलिस ने सरपंच पति के विरूद्ध अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है.”

उन्होने कहा, “पुलिस प्रशासन की कार्यशैली से नाराज़ होकर पीड़ित परिवार व आस पास के ग्रामीणों ने शुक्रवार को गांव के गली-मोहल्लों से पैदल आक्रोश रैली निकाली जिसमें राज्य सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. रैली के बाद सभी ने गांव के समीप बहने वाली बैथली नदी में जाकर अपने घरों की देवी- देवताओं की तस्वीरों को विसर्जित कर दिया, वहां सभी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं लेकर हिंदू धर्म को छोड़ कर बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ ली.”
बैरवा ने बताया कि सवर्ण समाज के लोगों द्वारा दलित परिवारों को लगातार जान से मारने व गांव से बाहर निकालने की धमकियां भी दी जा रही हैं.

आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी सरपंच पति को बचाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार नहीं किया गया तो छबड़ा उपखंड कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा. रैली में रमेश मेराठा, बद्रीलाल बैरवा (छीपाबड़ौद), छीतरलाल बैरवा (रूपारेल), पवन बौद्ध, रामहेत बैरवा, महेंद्र मीणा (तुर्कीपाडा), रामेश्वर आदि भी मौजूद थे.

बापचा थानाधिकारी सुरेंद्र कुंतल ने इंडिया टुमारो को बताया कि 60–70 लोगो द्वारा भूलोन गांव में जुलूस निकाल कर सरपंच पति राहुल शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की गई है और देवी देवताओं की मूर्तियों को भी नदी में विसर्जित कर बौद्ध धर्म अपनाने की बात कही है. जुलूस में अधिकांश लोग बाहर के थे.

थानाधिकारी ने बताया कि, “दुर्गा महोत्सव के दौरान हुई मारपीट के मामले में फरियादी की लिखित रिपोर्ट के आधार पर जांच कार्यवाही कर मारपीट व धारा 3 के तहत एक आरोपी लालचंद लोधा की गिरफ्तारी कर ली गई थी जिसकी जमानत हो गई है.”
उन्होने बताया कि, “उक्त प्रकरण की जांच में सरपंच पति राहुल शर्मा आरोपी नही था और जांच में भी उसका कोई दोष सामने नहीं आया है. कुछ लोगो द्वारा राहुल शर्मा को आरोपी बनवाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.”

इस मामले में डीएसपी पूजा नागर ने इंडिया टुमारो को बताया कि फरियादी द्वारा थाने में स्वयं द्वारा दर्ज कराई एफ.आई.आर. में सरपंच पति राहुल शर्मा का नाम नहीं लिखा है, अगर पीड़ित परिवार चाहे तो फाइल का अनुसंधान सत्यापन करवा सकते हैं, हमारी जांच में राहुल शर्मा मुल्जिम नहीं है.
उन्होने कहा कि, “पीड़ित परिवार अगर किसी और से जांच करवाना चाहें तो वो स्वतंत्र हैं किसी से भी फाइल का सत्यापन करवा सकते हैं. अभी फाइल बंद नहीं हुई है अभी अनुसंधान में है.”

खबर साभार: इंडिया टुमारो

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