राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना से गरमाई राजनीति

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना किए जाने से राजनीति गरमाई हुई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा सराहना किए जाने के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं और कयास लगाये जा रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा को भारी जनसमर्थन मिल रहा है। इस यात्रा से भाजपा बड़ी घबराई हुई है। खासतौर से पीएम मोदी और उनके समर्थक इस यात्रा को लेकर काफी परेशान हैं। इनकी परेशानी की मुख्य वजह दक्षिण भारत के राज्यों में राहुल गांधी की इस यात्रा को भारी जनसमर्थन मिलना है।

पीएम मोदी और उनके समर्थक अब यह मानकर चल रहे हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जिस तरह से लोग जुड़ रहे हैं और यात्रा को समर्थन दे रहे हैं, वह आगे आने वाले समय में उनके लिए खतरे की घण्टी है। राहुल गांधी की यात्रा से लोगों का भारी संख्या में जुड़ना और उनकी भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन करना, यह साबित करता है कि मोदी सरकार से अब लोगों का मोहभंग हो गया है और लोग सत्ता परिवर्तन चाहते हैं।

इसी को लेकर पीएम मोदी और उनके समर्थक ज्यादा परेशान हैं। यही कारण है कि मोदी समर्थक भाजपा नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की आलोचना करते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उनको पत्र लिखा और यात्रा में कोरोना नियमों का पालन करने के लिए कहा। मनसुख मंडाविया ने ऐसा करके राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को रोकने का प्रयास किया। लेकिन वह एक्सपोज हो गए और मोदी सरकार की खूब किरकिरी हुई।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने जब यूपी में प्रवेश किया है, तो अचानक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करके राजनीति को गरमा दिया है। राम मंदिर निर्माण करने वाले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करके राजनीतिक गलियारे में गर्माहट पैदा कर दिया है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करते हुए कहा है कि, “एक नौजवान भीषण ठंड में देश में पैदल चल रहा है, ये प्रशंसनीय है। न तो संघ और न ही देश के प्रधानमंत्री ने उनकी यात्रा की आलोचना की है।”

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय द्वारा राहुल गांधी और उनकी यात्रा की प्रशंसा करना बहुत कुछ कह देता है। चंपत राय ने यूं ही नहीं राहुल गांधी और उनकी यात्रा की प्रशंसा की है बल्कि इसके गूढ़ रहस्य हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि चंपत राय ने यह बात आरएसएस के इशारे पर कही है। चंपत राय अपने दम पर राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा की प्रशंसा नहीं कर सकते।

चंपत राय राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव हैं, इसलिए आरएसएस ने जानबूझकर इनके ज़रिए हिंदुत्ववादी ताकतों और हिन्दुओं को यह संदेश देने का काम किया है कि कांग्रेस उसके लिए अछूत नहीं है और आवश्यकता पड़ने पर वह कांग्रेस का समर्थन कर सकती है। राम मंदिर के मुद्दे के ज़रिए ही आरएसएस हिंदुत्ववादी ताकतों को जोड़ने का काम करता है, इसलिए उसने चंपत राय के ज़रिए राहुल गांधी और उनकी यात्रा की प्रशंसा करवाया है।

यही नहीं, चंपत राय ने राहुल गांधी की प्रशंसा में कहे गए शब्दों से यह साफ संकेत दिया है कि संघ ने कभी उनकी भारत जोड़ो यात्रा की आलोचना नहीं किया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत ज्यादा ही नाराज़ हैं। इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मनमानी करना और संघ प्रमुख को तवज्जो नहीं देना है।

भाजपा, विहिप और बजरंग दल एवं विद्यार्थी परिषद संघ के सहयोगी संगठन हैं और संघ इनकी मातृ संस्था है। यह सभी संघ से संचालित होते हैं। इसलिए यह संघ को आंख दिखाने की जुर्रत नहीं कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ को आंख दिखाकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ा चुके हैं।

संघ को भरोसे में लिए बगैर नितिन गडकरी को भाजपा पार्लियामेंट बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। योगी आदित्यनाथ को भाजपा पार्लियामेंट बोर्ड में नहीं लिया गया है। सुनील बंसल को आरएसएस से पूछे बगैर भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया।महाराष्ट्र में मोहन भागवत की सहमति के बिना शिवसेना से संबंध खत्म किए गए हैं। इसके साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोहन भागवत को तवज्जो नहीं देना। यह ऐसे मामले हैं कि जिनको लेकर मोहन भागवत नरेंद्र मोदी से नाराज़ हैं।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को जनता का समर्थन मिलने से मोहन भागवत को अब लग रहा है कि आगे चलकर केंद्र सरकार में कांग्रेस बैठ सकती है। इसलिए मोहन भागवत अब कांग्रेस को पर्दे के पीछे से लोकसभा चुनाव में समर्थन दे सकते हैं। इससे जहां वे एक ओर नरेंद्र मोदी को सबक सिखाने का काम कर सकते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की सरकार बनवाने में सहयोग कर सकते हैं।

चूंकि संघ का कैडर होता है और इसके कैडर के लोग उसके कहने पर चलते हैं। इसलिए संघ नरेंद्र मोदी और भाजपा दोनों को सबक सिखाने का काम कर सकता है। आरएसएस जनसंघ को इसी तरह से खत्म कर चुका है और बलराज मधोक को राजनीतिक रूप से निबटा चुका है, इसलिए संघ मोदी और भाजपा को राजनीति में किनारे लगा दे, तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं करना चाहिए।
चंपत राय के अलावा राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोबिंद देव गिरि ने भी राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत किया है। गोबिंद देव गिरि ने कहा है कि, “भारत माता का नाम लेकर जो भी कुछ करता है, वह कोई भी हो हम उसकी सराहना करेंगे।”

राम मंदिर ट्रस्ट के अलावा राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राहुल गांधी को बाकायदा एक पत्र लिखकर उनकी भारत जोड़ो यात्रा की सराहना की है। यह सभी आर एस एस के लोग हैं। इसलिए इनके द्वारा राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करना राजनीति में गर्माहट का पैदा होना लाजिमी है।
राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करना यूपी और देश की राजनीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत है।

खबर साभार: इंडिया टुमारो

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