निजीकरण का असर: सुविधा नहीं लेकिन लखनऊ एयरपोर्ट पर अडानी ने कर दिया दस गुना चार्ज

निजीकरण पूरी तरह से शुरू हुआ ही नहीं और उसकी हकीकत सामने आना शुरू हो गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश के कई हवाई अड्डों के संचालन को अडानी ग्रुप को सौंपा गया है। लेकिन अडानी ग्रुप ने अपनी लूटपाट शुरू कर दी है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुविधा शुल्क को बढ़ाकर दस गुना कर दिया। जबकि सुविधाओं में कोई सुधार नहीं किया गया।

जानकारी के अनुसार, अडानी ग्रुप ने निजी जेट और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए ‘टर्नअराउंड चार्ज’ जैसे शुल्क को दस गुना तक बढ़ा दिया। ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अडानी ग्रुप ने ने एक नई ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी को हायर किया है। जिसके कारण दस गुना तक चार्ज में वृद्धि की गई हैं।

अडानी ग्रुप इस वक्त पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लखनऊ सहित जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, मैंगलोर और तिरुवनंतपुरम के हवाई अड्डों के संचालन कर रही है। इन हवाई अड्डों का संचालन अडानी ग्रुप को ‘मासिक प्रति यात्री शुल्क’ के आधार पर सबसे अधिक बोली लगाने पर मिला।

एक बिज़नस जेट ऑपरेटर ने नाम न बताने कि शर्त पर कहा “एयरपोर्ट की सुविधाओं में ऐसा कोई बदलाव नहीं नज़र आता, जिससे बढ़े हुए टैरिफ को उचित ठहराया जा सके। लखनऊ आने वाले ज़्यादातर बिज़नस फ्लाइट चिकित्सा निकासी उड़ानें हैं। ऐसे में दस गुना तक चार्ज बढ़ाना ठीक नहीं है।

वहीं जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिए जाने पर केन्द्रीय कैबिनेट की मुहर लग चुकी है। जयपुर एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन अडानी एंटरप्राइजेज को सौंपा जा चुका है। 18 जुलाई से एयरपोर्ट का संचालन अब पूरी तरह से अडानी समूह के पास चला जाएगा।

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