निकहत जरीन ने 52 किलोग्राम वर्ग में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया

भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने ब्राजील की कैरोलिन डी अल्मेडा को 5-0 से हराकर महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 52 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में प्रवेश किया। बता दें कि 25 वर्षीय पूर्व युवा विश्व चैंपियन ने फरवरी में प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था।

उन्होने मौजूदा इवेंट में अपने सभी मुकाबलों में अपना दबदबा कायम रखा है और आत्मविश्वास से भरी होगी। छह बार की चैंपियन मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेख सी एकमात्र भारतीय महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीता है और अब हैदराबाद की जरीन के पास एलीट सूची में शामिल होने का अवसर है।

इस आयोजन में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में आया जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते। पिछले संस्करण में, चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ स्वदेश लौटे – मंजू रानी ने रजत पदक जीता, जबकि मैरी कॉम ने कांस्य के रूप में आठवां विश्व पदक जीता।

बाद में मनीषा मौन (57 किग्रा) और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) अपने-अपने सेमीफाइनल में भिड़ेंगी। मनीषा (57 किग्रा) 2020 ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता इटली की इरमा टेस्टा से 5-0 से हार गईं। उन्होंने कांस्य पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया।

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