नई हज व्यवस्था : यात्रियों को मिलेगी 50,000 रुपये की वित्तीय राहत , वीआईपी कोटा भी खत्म

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नई हज नीति 2023 का ऐलान किया है, जिसमें महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों के लिए हज यात्रा को अधिक सुगम और समावेशी बनाने की कोशिश की गई है.नई नीति के तहत अब वीआईपी कोटा खत्म कर दिया गया है.

पिछले कई वर्षों से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, हज समिति के सदस्यों और अन्य वीआईपी के लिए 500सीटें आरक्षित हुआ करती थीं. नई हज नीति 2023के बाद आरक्षित सीटों की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. माना जा रहा है कि

केंद्र सरकार के इस कदम से आम लोगों को अधिक संख्या में हज पर मक्का जाने का मौका मिलेगा.2018-22 की हज नीतियों में कई बदलाव किए गए हैं, जिसमें पहली बार 45वर्ष से अधिक उम्र की महिला को मेहरम के बिना हज पर जाने की अनुमति होगी.

ऐसी महिलाएं चार या इससे अधिक के समूह में यात्रा कर सकती हैं. ऐसी महिलाएं भारतीय हज समिति में बतौर समूह आवेदन कर सकेंगी.2023 की नीति में 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, जो बिना पुरुष के हज के लिए जाना चाहते हैं.

वह अपने मसलक की चार महिलाओं का समूह बनाकर यात्रा कर सकेंगी. एकल महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं.अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, नई नीति हज यात्रियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी. वित्तीय बोझ से भी बहुत हद तक राहत मिलेगी.

पहली बार हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए आवेदन पत्र निःशुल्क किया गया है. इसके अलावा हज पैकेज की कुल लागत में लगभग 50,000 रुपये की सब्सिडी का ऐलान किया गया है.”सरकार ने इस साल हज पर जाने वालों के लिए अभी आवेदन नहीं खोले हैं. मगर इस साल भारत को 1.75लाख हज यात्रियों का कोटा आवंटित किया गया है.

मंत्रालय के ट्वीट में आगे कहा गया है कि नई नीति के तहत महिलाओं, शिशुओं, विकलांग व्यक्तियों और बुजुर्गों को उड़ान के लिए हवाई अड्डे के चयन की विशेष सुविधा दी गई है. हज-2023के लिए 25हवाई अड्डे निर्धारित किए गए हैं, जिनमें श्रीनगर, रांची, गया, गुवाहाटी, इंदौर, भोपाल, मैंगलोर, गोवा, औरंगाबाद, वाराणसी, जयपुर, नागपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, कन्नूर, विजयवाड़ा, अगरतला, और कालीकट का हवाईअड्डा शामिल है. सरकार के इस निर्णय से दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों का हज यात्रा पर जाना और आसान हो जाएगा.

नई नीति में सरकारी कोटा रद्द कर दिया गया. सऊदी अरब के साथ समझौते के अनुसार, भारत सरकार को आवंटित कुल कोटा में 80प्रति हज कमेटी ऑफ इंडिया और शेष 20प्रतिशत निजी हज ऑपरेटरों को आवंटित किया गया है.

सूत्रों के अनुसार हज पैकेज की लागत में लगभग 50,000 रुपये की कमी की गई है. इसके अलावा अब यात्रियों को मुफ्त छाता, बैग और चादर जैसी वस्तुएं निःशुल्क नहीं मिलेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *