नीदरलैंडः नवजात शिशुओं का ‘मोहम्मद’ दूसरा सबसे लोकप्रिय नाम

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-एम्सटर्डम
डच सोशल इंश्योरेंस बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल नीदरलैंड में 671 बच्चों का ‘मोहम्मद’ नाम रखा गया. डच सोशल इंश्योरेंस बैंक का कहना है कि नवजात शिशुओं के लिए शीर्ष नाम नूह और एम्मा थे, जबकि दूसरे पायदान पर मोहम्मद नाम था.

परिवार में नवांगतुक के आगमन के संकेत मिलते ही खुशियों की बहार आ जाती हैं. परिवार और खासतौर से उस युगल के लिए यह कल्पना ही रोमांच से भर देती है कि उनके घर-आंगन में जल्द ही किलकारियां गूंजेंगी. नए मेहमान के आने के प्राथमिक हर्ष के साथ उसके आने पर उसे पर्याप्त सुख-सुविधाएं और उसके लालन-पालन की योजनाएं और व्यवस्थाएं आकार लेने लगती हैं. इसमें सबसे प्रमुख यही होता है कि आगंतुक लड़का हो या लड़की, उसे दुनिया में किस नाम से जाना जाएगा.

जब बच्चा माता की कोख के ममतामयी आवरण में निबद्ध पृथ्वी लोक के विचरण के लिए तन्मय हो रहा होता है, तब ही उसके नाम की खोजबीन शुरू हो जाती है. हिंदुओं में तो 16 संस्कारों में से नामकरण भी एक संस्कार का ही स्थान रखता है. अन्य विष्वासों और धर्मों में भी नामकरण एक अनुष्ठान की तरह ही होता है. इसलिए माता-माता, दादा-दादी या फिर अन्य उत्साहित परिजन नामों की सूची तैयार कर लेते हैं और परिवार की सर्वानुमति से एक नाम चुनते हैं.

पहले लोग सयानों की शरण में जाकर बच्चे का नाम सुझाने का निवेदन करते थे. किंतु सूचना के युग में लोग इंटरनेट का सहयोग लेकर नामों को सर्च भी करते हैं, जहां विभिन्न काल, स्थान, धर्म और भाषा के अनुसार बच्चों और बच्चियों के नामों की सूचियां उपलब्ध होती हैं. परिजन उन सूचियों का अवलोकन करके अपने मिजाज के अनुसार नामों की छंटाई करके कोई सुंदर नाम निश्चित करते हैं. हालांकि इस वर्तमान परंपरा पर अब भी धार्मिक प्रतीकों वाले नामों का वर्चस्व कायम है. परिवार के वरिष्ठ जन अपनी आयु के अनुरूप सांसारिक कर्तव्यों से आमतौर पर निवृत्त होने के पश्चात धर्मानुरागी हो चुके होते हैं. साथ ही परिवार के ऐसे अवसरों पर उनके निर्णयों को वरीयता दिए जाने की परंपरा होती है. इसलिए परिवार के वरिष्ठ जन अपनी भावी संतति के नाम का धार्मिक प्रतीक बन चुके महामानवों के नाम के अनुरूप नामकरण पर बल देते हैं.

नीदरलैंड में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. यहां नूह और एम्मा नाम प्रथम पायदान पर हैं, तो इसलिए कि ये नाम बाइबिल के अनुसार स्थापित और सम्माननीय प्रतीक नाम हैं. जबकि इस्लाम के पैगंबर सल्लाहु अलैहि वसल्लम हजरत मोहम्मद साहब सर्वाधिक सम्माननीय और लोकप्रिय हैं. इसलिए नए आंकड़ों के अनुसार, 2022 में नीदरलैंड में नवजात लड़कों के लिए दूसरा सबसे लोकप्रिय नाम मुहम्मद था. डच सोशल इंश्योरेंस बैंक (एसवीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल देश में नवजात शिशुओं के नाम भी विश्वास पर आधारित थे. इनमें 871 बच्चों का नाम नूह और 677 बच्चियों का नाम एम्मा के साथ शीर्ष पर रहा. दूसरे पायदान पर मोहम्मद नाम रहा, जो 671 लड़कों को दिया गया.

साभार: आवाज द वॉइस

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