मेडिकल कॉलेज में दाखिले को एनईईटी 2022 की प्रवेश परीक्षा में इस बार राजस्थान के शेखावटी जनपद की भी कई मुस्लिम बच्चिांया बेहतर रैंक के साथ कामयाब हुई हैं.
राजस्थान के अन्य हिस्सों के मुकाबले शेखावाटी जनपद में अल्पसंख्यक समुदाय में खासतौर पर महिला शिक्षा का चलन पीछले दो-तीन दशकों से बढ़ा है, जिसके परिणाम अब दिखने लगे हैं. यहां की छात्राएं भारतीय सिविल सेवा सहित अन्य प्रशासनिक-न्यायिक-आर्मी के उच्च पदों के लिए होने वाली परीक्षाओं में भी झंडे गाड़ रही हैं.पिछले कुछ सालों में मेडिकल की तरफ शेखावटी जनपद की छात्राओं का रुझान अधिक बढ़ा है.
वो निरंतर हर साल अच्छी तादाद में सफलता हो रही हैं. इस बार भी नीट के रजल्ट में सेवानिवृत्त आईजीपी कुवंर सरवर खान की पोती व सीकर के सरकारी कालेज के प्रोफेसर राज मलवान की बेटी जैनब मलवान ने 554 वीं एवं आल इंडिया में 870 वी रैंक व 720 में 680 अंक हासिल कर समाज का गौरव बढ़ाया है.
जैनब ने इसी साल सीबीएसई से 98.60 प्रतिशत अंक लेकर 12 वीं पास की है. जैनब की मां रेहाना पेशे से चिकित्सक हैं. इसी तरह बिसाऊ की इशरत खान ने 720 में से 681अंक पाकर आल इंडिया में 667 वीं रैंक प्राप्त की है.जैनब की तरह नुआ गावं की फरहाना ने नीट में आल इंडिया स्तर पर 8336 वीं रैंक हांसिल की है.
इसने सीबीएसई में 96.6 प्रतिशत के अंक के साथ बारहवीं पास किया है. बलोद बड़े गांव की रिजवाना ने नीट में 4871 वीं एवं मोडावासी गांव की तंजीम बानो ने 5981 रैंक हासिल की है.
कुल मिलाकर, विभिन्न तरह की सरकारी सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा पढ़ाई में भी में शेखावाटी जनपद की अल्पसंख्यक बालिकाएं लगातार बेहतर परिणाम दे रही हैं.
सीकर,चूरु व झूंझुनू सहित डीडवाना क्षेत्र को मिलाकर कहलाने वाले शेखावाटी जनपद की देहाती परिवेश में रहने वाली कायमखानी बिरादरी की बालिकाओं ने शिक्षा को हथियार बनाकर अपनी समस्याओं से मजबूती से लड़ रही हैं.
साभार: अशफाक कायमखानी /सीकर ( राजस्थान ) आवाज द वॉइस