मोहम्मद अकरम कन्नूर / (केरल)
केरल के शिहाब चितूर का नाम तो सुना ही होगा. इस वक्त वह सुर्खियों में हैं. वजह है उनका करेल से पैदल हज यात्रा पर निकल पड़ना. अब केरल से ही फुटबाल की दिवानी एक महिला की खबर आई, जो सड़क मार्ग से अपनी जीप में सवार होकर कतर के लिए निकल पड़ी हैं.
नवंबर में कतर में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप की गवाह बनना चाहती हैं. इस विश्व स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता को देखने के लिए अगले महीने दुनिया भर से लोग कतर में इकट्ठा हो रहे हैं.
केरल की यह मुस्लिम युवती अपना चारपहिया वाहन खुद चलाकर फीफा वर्ल्ड कप की गवाह बनने के लिए घर से निकली है. केरल के कन्नूर जिले की रहने वाली इस युवती का नाम है नाजी नौशी.
अब तक वह कन्नूर से बेंगलुरु तक की यात्रा पूरी कर चुकी हैं. उनके पति नौशाद ने उनके लिए फीफा वर्ल्ड कप नजदीक से देखने का सारा इंतजाम किया है. इस सफर में नौशी की एकमात्र साथी है महिन्द्रा थार जीप. इस गाड़ी में उनके जरूरत की सारी चीजें मौजूद हैं.
आवाज द वायस से फोन पर बात करते हुए नाजी नौशी ने बताया, मेरे इस सफर को शुरु किए हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है. बीते शनिवार को घर से सफर पर निकली थी.उनकी यात्रा को राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री अंटोनी राजू ने हरी झंडी दिखाई थी.
साथ ही उन्होंने हौसला भी बढ़ाया था. उन्होंने बातचीत में अपने बेंगलुरु पहुंचने की जानकारी दी. गर्व से वह कहती हैं, मुझे फख्र है कि मैं गाड़ी से सफर करके कतर पहुंचे वाली पहली मुस्लिम युवती होंगी.
समुद्री जहाज से पहले पहुंचेगी ओमान
नाजी नौशी ने यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी. कहा,मैं इस समय बेंगलुरु में हूं. यहां से मुंबई पहुंचेगी. फिर समुद्री जहाज से ओमान पहुंचे के बाद सड़क मार्ग से आगे का सफर जारी होगा. यूएई, कुवैत और सऊदी अरब के रास्ते वह कतर पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि उनका फोकस 10 दिसंबर को फाइनल मैच देखने पर है.

नाजी नौशी के पास है अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस
जब उनसे सवाल किया गया कि आप को विदेश में गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी ? इसके जवाब में वह कहती हैं कि उनके पति नौशाद ओमान में रहते हैं. मैं भी वहां कई सालों से रहती आई हूं.
मेरे पास ओमान का ड्राइविंग लाइसेंस है जिसे अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस में परिवर्तित किया गया है. इस लिए हमें रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं होने की उम्मीद है. देश के विदेश मंत्रालय से भी उन्हें यात्रा में सहयोग मिल रहा है.
12 वीं क्लास तक है नौशी की शिक्षा
12वीं क्लास तक शिक्षा हासिल करने वाली नाजी नौशी बताती हैं कि वह भारतीय टीम को फीफा वर्ल्ड कप खेलते हुए देखना चाहती हैं. वह आगे कहती हैं कि वह जिस इलाके से आती हैं वहां की महिलाएं आज भी घरों से बाहर निकलने पर असहज महसूस करती हैं. लेकिन उनका यह सफर पहला नहीं. पहले भी कई बार लंबी कामयाब सफर कर चुकी हैं.
महिलाओं के बारे में कहती है, मेरे पांच बच्चे हैं जिसकी देखभाल मैं खुद करती हूं. इस वक्त उन्हें दादी के पास छोड़ कर आई हैं. परिवार भी याता में भरपूर सहयोग मिल रहा है. वह कहती हैं, जब मैं घर से निकल सकती हूं तो आम महिलाएं क्यों नहीं ?
मुझे उम्मीद है कि उनसे दूसरी महिलाएं भी प्रेरित होंगी.नाजी नौशी एक यूटूबर ब्लॉगर भी हैं. इससे पहले वह अकेले गाड़ी से लद्दाख का दौरा कर चुकी हैं.
साभार: आवाज द वॉइस