गाजियाबाद.
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद मुस्लिम महासभा ने स्पष्ट किया है कि मुस्लिम विवाह समारोह निखा में डीजे और ब्रास बैंड नहीं बजना चाहिए. उन्होंने मौलवियों से निकाह नहीं करने को कहा. इस आशय का एक बयान जारी किया गया है. कहा गया है कि सामान्य तरीके से निकाह किया जाना चाहिए और धार्मिक नेताओं को पहल करनी चाहिए.
बयान में यह भी कहा गया है कि परिवारों से एक लिखित गारंटी भी ली जानी चाहिए कि वे भविष्य में इस ‘डीजे संस्कृति’ को प्रोत्साहित नहीं करेंगे. इसने यह स्पष्ट कर दिया कि वे हमेशा शादी के तोहफों पर बहुत अधिक पैसा खर्च करने के खिलाफ होंगे.
झारखंड के धनबाद जिले में भी मुस्लिम मौलवियों ने शादियों में नाचने, गाने और पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. साफ है कि ये सब इस्लाम के खिलाफ हैं. यहां यह उल्लेख करना है कि झारखंड के धनबाद जिले में मुस्लिम मौलवियों के एक समूह ने ‘गैर-इस्लामिक प्रथाओं’ जैसे नृत्य, तेज संगीत बजाना और शादियों के दौरान आतिशबाजी के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था और कहा था कि जो लोग फरमान का उल्लंघन करते हैं, उन पर जुर्माना किया जाएगा.
साभार: आवाज द वॉइस