1951 से 2020 की अवधि के दौरान, देश में 11,569 उम्मीदवारों ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी में कामयाबी हासिल की है। जिसमे मुस्लिमों की संख्या केवल 411 है। जो कुल उम्मीदवारों का 3.54 प्रतिशत है। हरियाणा के एक स्वतंत्र अनुसंधान केंद्र द्वारा किए गए सर्वेक्षण में ये बात निकलकर सामने आई है।
उत्तराखंड के आईआईटी रुड़की के रिसर्च स्कॉलर नूरुद्दीन ने रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट का विश्लेषण कर पाया कि इस दौरान अधिकांश मुस्लिम आईएएस अधिकारी जम्मू और कश्मीर राज्य से आए। आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर से 119 आईएएस अधिकारी बने। अन्य राज्यों जैसे बिहार में 58, यूपी 48, केरल 31, कर्नाटक 20, मध्य प्रदेश 16, महाराष्ट्र 12, तमिलनाडु 10, आंध्र प्रदेश 10 और तेलंगाना में 8 मुस्लिम आईएएस अधिकारी बने।
इस अवधि में कुल 411 मुसलमानों ने आईएएस परीक्षा पास की, जिनमें से 179 नियुक्त हुए। बाकि 232पदोन्नति और अन्य तरीकों से इस पद पर पहुंचे। देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य यूपी में 48 उम्मीदवारों में से 40 का चयन आईएएस परीक्षा से हुआ। वहीं बिहार में 29 मुस्लिम उम्मीदवार आईएएस के पद पर पहुँच पाये।
सर्वेक्षण के अनुसार, देश भर में अतिरिक्त सचिव के पद पर केवल एक मुस्लिम अधिकारी है जबकि सचिव के पद पर कोई भी मुस्लिम अधिकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि 2019 में, 42 मुस्लिम उम्मीदवार यूपीएससी में कामयाब हुए, जबकि 2018 में ये संख्या केवल 28 थी। वहीं 2020 में, 31 मुस्लिम उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की थी।