एमपीः रफत खान के खून से बची जितेंद्र के नवजात शिशु की जान

छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एनीमिया से पीड़ित 60 दिन के एक बच्चे की जान बचाने के लिए एक मुस्लिम व्यक्ति ने निस्वार्थ कार्य करते हुए रक्तदान किया. शनिवार को जब उन्हें बच्चे के बारे में फोन आया, तो 36 वर्षीय रफत खान ने एक सेकंड के लिए भी संकोच नहीं किया और अपनी मोटरसाइकिल से जिला अस्पताल रक्तदान करने पहुंच गए.

खान नमाज अदा करने के लिए अपने घर से निकलने ही वाले थे कि तभी उन्हें विकास गुप्ता के बारे में फोन आया, जिन्हें ए पॉजिटिव ब्लड की सख्त जरूरत थी. बच्चा एनीमिया से पीड़ित था, स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण होने वाली स्थिति जो शरीर के ऊतकों तक पर्याप्त ऑक्सीजन ले जाती है.

खान ने रविवार को पीटीआई को बताया, ‘‘बिना कुछ सोचे मैंने अपनी मोटरसाइकिल उठाई और बीमार बच्चे को रक्तदान करने के लिए जिला अस्पताल पहुंचा.’’खान ने कहा कि बच्चे के पिता जितेंद्र मनोरिया गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने उनसे संपर्क किया था, क्योंकि वह खून का प्रबंध नहीं कर पा रहा था और एक दलाल द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी की गई थी.

जितेंद्र ने कहा, ‘‘खान द्वारा रक्तदान करने के बाद अब मेरे बेटे की हालत में सुधार हुआ है. जब मेरे बच्चे को इसकी सख्त जरूरत थी, तो वह एक फरिश्ते की तरह आए और मुस्कुराते हुए रक्तदान किया.’’जिला अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई के प्रभारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश प्रजापति ने बताया कि रक्त चढ़ाने के बाद बच्चे की हालत स्थिर है. खान पहली बार रक्तदाता नहीं हैं और उन्होंने एक वर्ष की अवधि में कम से कम 13 बार रक्तदान किया है. उन्होंने कहा कि नेक कार्य ने उन्हें खुशी और संतुष्टि दी.

साभार: आवाज द वॉइस

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