भारतीय रेल में गैर संरक्षा श्रेणी के 91,629 पदों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया है। यानि इन पदों पर अब भविष्य में कोई भर्ती नही होगी। इस बाबत रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोनल रेलवे को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें रेलवे की उत्पादन ईकाइयों, पहिया-इंजन कारखानें व कोच फैक्टरियां भी शमिल हैं।
सरकार ने इनको गैर जरूरी बताते हुए समाप्त कर दिया है। इनमे रेलवे का वाणिज्य, इंजीनियरिंग, आरपीएफ, मेडिकल विभाग, प्रशासनिक विभाग, अकाउंट, स्टोर, बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी आते हैं। गैर संरक्षा श्रेणी में कुल 4,52,825 हैं। इसमें 91,649 पद खाली पड़े हैं।
हालांकि रेलवे मंत्रालय का कहना है कि विभाग में खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया चलती रहती है। पिछले तीन सालों 2019 में 16,851, 2020 में 1,26,765 और 2021 में 4,534 पदों (कुल 1,48,150 पद) पर भर्ती के लिए मनोनयन किया गया है। फिर भी स्वीकृत 15 लाख छह हजार में साढ़े तेरह लाख कर्मचारी कार्यरत हैं।
इसको लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि ये युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसके अच्छे नतीजे नहीं होंगे। उन्होने ट्वीट कर कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार नई नौकरियां देने में तो नहीं लेकिन बची हुई नौकरियां छीनने में जरूर सक्षम है। याद रहे, यही युवा आपके सत्ता के घमंड को तोड़ेगा। इनके भविष्य को बर्बाद करना इस सरकार को महंगा पड़ेगा।’