मेराजुद्दीनः कबाब की दुकान से नीट 2022 तक की कामयाबी

दुनिया में आप कहीं भी जाएं, ‘बार बी क्यू’ की महक आपका पीछा नहीं छोड़ती, जो हमें स्वाद का अहसास कराती है. यह भारत में भी बहुत आम है. फाइव स्टार होटलों से लेकर सड़क किनारे ‘बार बी क्यू’ का चलन है. ऐसा ही एक बार बी क्यूू कश्मीर की कहानी बयां कर रहा है, लेकिन यह स्वाद के साथ कड़ी मेहनत और समर्पण की कहानी है.एक कबाब विक्रेता के बेटे ने अपने जीवन को दिशा दी. उन्होंने अपने पिता की कबाब की दुकान की मदद से डॉक्टर बनने का सफर शुरू किया है. हाँ! जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के एक बारबेक्यू विक्रेता के बेटे ने नीट यूजी 2022परीक्षा पास की है.

परीक्षा में 591 अंक हासिल करने वाले मेराजुद्दीन खान ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों की कड़ी मेहनत और समर्थन को दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा परिवार मेरे लिए एक सहारा रहा है. वे मुझे केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहते थे. लेकिन, कभी-कभी, मैं अपने पिता की उस दुकान में मदद करता था, जहाँ वह कबाब बेचते हैं.’’

खान ने अपनी प्राथमिक शिक्षा वारपुरा इलाके के हनाफिया मॉडल स्कूल से प्राप्त की और आठवीं कक्षा तक आर्मी गुडविल स्कूल में पढ़ाई पूरी की. उन्होंने कक्षा 10के लिए निहालपुरा के एमएमके स्कूल और फिर 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए गवर्नमेंट बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल, बारामूला में दाखिला लिया.

खान का परिवार, जिनके पास बहुत कम साधन थे, उन्हें निजी ट्यूशन के लिए भेजने में कामयाब रहे. हालांकि, कोविड लॉकडाउन के चलते उन्हें घर पर ही पढ़ाई करनी पड़ी.

खान ने कहा, ‘‘मैं कक्षा 11में बारामूला के एक निजी ट्यूशन सेंटर में गया था, लेकिन तब कोेरोना लॉकडाउन था. मैंने देखा कि कई छात्रों ने यूट्यब से पढ़ाई की थी और नीट पास किया था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता? फिर मैंने यूट्यूब चैनल और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सीखा.

खान ने अपने पहले प्रयास में नीट को क्रैक किया. हालांकि उन्हें अधिक अंकों की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि नीट के उम्मीदवारों को ध्यान केंद्रित रहना चाहिए. अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करें. इसे बनाए रखें और आप इसे हासिल करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य निर्धारित था. और यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे केवल प्रमुख निजी संस्थानों में ट्यूशन या कोचिंग के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है, स्व-अध्ययन पर्याप्त हो सकता है.’’

साभार: आवाज द वॉइस, आरिश बिलाल / श्रीनगर

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