पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी ने भारत से भागने के सबंध में डोमिनिका कोर्ट में कहा कि वह भारतीय एजेंसियों से भाग नहीं था बल्कि इलाज कराने के लिए देश छोड़ा था। मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद चौकसी ने अब डोमिनिका हाईकोर्ट का रुख किया है। उसने खुद को कानून का सम्मान करने वाला नागरिक बताया। उसने भारतीय एजेंसियों को सवालों के जवाब देने के बारे में भी कहा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 62 वर्षीय कारोबारी ने डोमिनिका हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके कहा, ”मैंने भारतीय अथॉरिटीज को मेरा इंटरव्यू लेने और किसी भी जांच को लेकर कोई भी सवाल पूछने को कहा है।” देश छोड़ने को लेकर मेहुल ने कहा, ”मैं भारतीय एजेंसियों से नहीं भागा। अमेरिका में इलाज कराने के लिए जब मैं देश से निकला तो मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं था।”
13,500 करोड़ रुपये के गबन का आरोपी मेहुल चौकसी जनवरी 2018 में देश से फरार हो गया था। तब से वह एंटीगुआ में रह रहा है और एक बार भी देश नहीं लौटा है। सीबीआई और ईडी ने उसके खिलाफ केस दर्ज किए हैं। उसने कहा कि उसकी भागने की कोई इच्छा नहीं थी।
चोकसी ने कोर्ट को यह भी विश्वास दिलाने की कोशिश की है कि जब तक कोर्ट उसे एंटीगुआ लौटने की इजाजत नहीं देता, वह कहीं नहीं जाएगा और भागने का इच्छुक नहीं है।
चोकसी को अब आठ जून को अदालत में पेश किया जाएगा और उसे राज्य की जेल में नहीं बल्कि राजधानी रोसेउ के मुख्य अस्पताल में रिमांड पर लिया जाएगा। इसी बीच एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने बताया है कि मेहुल चोकसी के वकीलों ने एंटीगुआ के पुलि’स कमिश्नर को कुछ लोगों की लिस्ट सौंपी है, जिनपर मेहुल चोकसी को अग’वा करने का शक है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि मेहुल चोकसी के वकीलों की ओर से आधिकारिक शिकायत दर्ज की गई है कि उन्हें कि’डनैप किया गया। अब हमारी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी ये कितना सत्य है, इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन अगर किडनैपिंग की बात में सच्चाई निकलती है तो बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाने की ज़रूरत है।