मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
डॉ. हामिद चोई योंग किल दक्षिण कोरिया के मुस्लिम समुदाय में जाना पहचाना नाम है. इस्लाम और कुरान को लेकर मंगलवार को वह जबरदस्त ढंग से वायरल हुए.दरअसल, इसकी वजह है कुरान और सहीह-अल-बुखारी का कोरियाई में अनुवाद करने वाले पहले कोरियाई मुस्लिम हैं.एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर हामिद चोई को इस अनुवाद के प्रोजेक्ट को पूरा करने में 7 वर्ष लगे. अभी वह दक्षिण कोरिया के एक विश्वविद्यालय में इस्लामी अध्ययन और अरबी के व्याख्याता हैं.
चोई ने मदीना, सऊदी अरब के इस्लामी विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है. उन्होंने कोरियाई और सहिह बुखारी में जिन कार्यों का अनुवाद किया है, वे सभी उनके वैज्ञानिक कार्यों का हिस्सा हैं. इसके अलावाचोई ने स्वतंत्र रूप से या अनुवाद के तौर पर 90 से अधिक किताबें लिखी हैं.
चोई का काम ऐसे समय सामने आया है जब दक्षिण कोरिया में मुसलमानों की जनसंख्या को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं. हालांकि तमाम विवादों के बीच कोरिया में इस्लाम एक अल्पसंख्यक धर्म है.कोरियन मुस्लिम फेडरेशन के एक अनुमान के अनुसार, दक्षिण कोरिया में मुसलमानों की जनसंख्या वर्तमान में लगभग 200,000 है, जो कुल जनसंख्या का मात्र 0.38 प्रतिशत है. यहां के अधिकांश मुस्लिम श्रमिक हैं, जो तुर्की, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान से आकर यहां बसे और नागरिकता हासिल की .
A graduate of the Islamic University of Madinah, Dr. Hamid Choi dedicated seven years of his life translating the Holy Quran and Sahih Bukhari into the Korean language, thus becoming the first Korean Muslim to do so. He has also written over ninety Islamic books. pic.twitter.com/QB0B2hIo2i
— Paul Williams (@freemonotheist) December 1, 2022
इस्लामी विश्वविद्यालय मदीना
डॉ. हामिद चोई योंग किल ने मदीना के जिस इस्लामिया विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की है, उसकी इस्लामिक वर्ल्ड में खास अहमियत है.इसकी स्थापन1961 में हुई थी. इसके निर्माण में मदीना के तत्कालीन इमाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. विश्वविद्यालय सलाफी विचारधारा का अनुसरण करता है.
इस विश्वविद्यालय में केवल मुस्लिम पुरुष छात्र ही अध्ययन कर सकते हैं. इससे हाल में इस्लामिक साइंस कॉलेज से जोड़ा गया है. यहां से ऑनलाइन डिग्री हासिल की जा सकती है.इस्लामिक साइंस कॉलेज और
विश्वविद्यालय में छात्रों को शरीयत, कुरान, उसुल अल-दीन और हदीस का अध्ययन कराया जाता है, जबकि अरबी भाषा भी यहां पढ़ाई जाती है. विश्वविद्यालय कला स्नातक, परास्नातक और डॉक्टरेट डिग्री प्रदान करता है. यह अपने छात्रों को अध्ययन के अलावा आवास, छात्रवृत्ति की भी सुविधाएं देता है.
2009 से विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग, कंप्यूटर और सूचना विज्ञान भी पढ़ाई हो रही है.2012 में विज्ञान संकाय स्थापित किया, जबकि 2019से विश्वविद्यालय में कानून का अध्ययन हो रहा है. 2019से विश्वविद्यालय में ई-लर्निंग प्रारंभ हो गई थी.
हामिद चोई के बारे में
हामिद चोई योंग किल एक दक्षिण कोरियाई अनुवादक और मायोंग विश्वविद्यालय में इस्लामी और अरबी अध्ययन के प्रोफेसर हैं. इसके अलावा कोरिया मुस्लिम फेडरेशन के अध्यक्ष भी हैं. 2021में वह कुरान और साहिह अल-बुखारी का कोरियाई भाषा में अनुवाद करने वाले पहले कोरियाई मुस्लिम बने.
चोई ने हनकुक विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया और मदीना के इस्लामी विश्वविद्यालय से इस्लामी अध्ययन में डिग्री हासिल की है. वह ओम डोरेमोन इस्लामिक यूनिवर्सिटी से पीएचडी हैं.पवित्र कुरान की छपाई के लिए किंग फहद कॉम्प्लेक्स के मार्गदर्शन में उन्होंने कुरान का कोरियाई भाषा में अनुवाद किया, जिसमें उन्हें लगभग सात साल लगे.
साभार: आवाज द वॉइस