ममता बनर्जी ने की तमिलनाडु के ‘सोशलिज्म’ के साथ रचाया विवाह

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हूबहू नाम वाली एक लड़की ने तमिलनाडु के सलेम में सोशलिज्म नाम के एक लड़के के साथ  विवाह रचाया। वर-वधू के नामों को लेकर ये विवाह सुर्खियों में रहा। विवाह की सबसे खास बात ये रही कि वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए कम्युनिज्म (साम्यवाद), लेनिनिज्म (लेनिनवाद) और मार्क्सिज्म (मार्क्सवाद) भी विवाह में शामिल हुए।

सलेम जिले के कोंडलपट्‌टी कत्तूर इलाके में हुआ यह चर्चा का विषय बना हुआ है। कम्युनिज्म (साम्यवाद), लेनिनिज्म (लेनिनवाद) और मार्क्सिज्म (मार्क्सवाद) ‘सोशलिज्म’ के भाई है। दरअसल, ‘सोशलिज्म’ के पिता सीपीआई से जुड़े है। इस समय वह सीपीआई के जिला सचिव है। उन्होने बताया, ‘सोवियत यूनियन के विघटन के बाद कई लोगों को लगा कि कम्युनिज्म खत्म हो गया है। उस समय मैंने अपने बेटों का नाम कम्युनिज्म, लेनिनिज्म और सोशलिज्म रखा था।’ ‘सोशलिज्म’ का एक भाई कम्युनिज्म वकील है तो दूसरा लेनिनिज्म चांदी के पायल की मैनुफैक्चरिंग यूनिट चलाता हैं।

दूसरी और वधू ममता बनर्जी के मां-बाप के. पलानिसामी और पी. नीलांबल हैं। यह कांग्रेसी विचारधारा का परिवार है। अपने नाम को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मुझे अपने नाम की असली ताकत तभी समझ आई, जब दीदी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं।’ उन्होने बताया कि बताया कि जब मैं 10वीं कक्षा में थी तो मेरे दोस्त मेरे नाम को लेकर बातें करते थे। इसके बाद मुझे मेरे नाम को लेकर जानकारी हुई।

बंगाल की मुख्यमंत्री को लेकर उन्होने कहा, “मैंने उन्हें कई बार खबरों पर देखा है। वह एक मजबूत महिला है और मुझे यह कहने पर बहुत गर्व है।”ममता बनर्जी अंग्रेजी साहित्य से ग्रेजुएट की पढ़ाई की है। वहीं दूल्हे का नाम ए. एम. सोशलिज्म है, जो ए. मोहन के बेटे हैं ने बीकॉम की डिग्री हासिल की और चांदी के अंकों का कारोबाद चलाता है।

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