डाॅ. फैयाज अहमद फैजी / लखनऊ
प्रतिभा किसी की बपौती नहीं. समाज के निचले तबके का व्यक्ति भी बड़ा कारनामा अंजाम देकर उपर आ सकता है. कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है आर्थिक रूप से कमजोर पसमांदा परिवार में जन्मेमोहम्मद आमिर अंसारी ने. 23 की उम्र में बतौर युवा वैज्ञानिक उनकी नियुक्ति भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में हुई है.
वह गाजीपुर के परसा के रहने वाले हैं.इनके पिता अकील अंसारी मदरसा जामिया अरबिया मतलाउल उलूम( वाराणसी) में पढ़ाते हैं. आमिर आवाज द वाॅयस से बातचीत में कहते हैं- उनकी सफलता ने आर्थिक रूप से कमजोर बेरोजगारों को मेहनत कर ऊंचा लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा दी है.‘‘ वह युवाओं को सलाह देते हैं कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सतत नित नए आयाम स्थापित करें.‘‘
अपनी इस उपलब्धि पर मोहम्मद आमिर अंसारी ने बताया कि बचपन से ही वह ए पी जे अब्दुल कलाम से प्रभावित रहे हैं, इसलिए बड़े होकर वैज्ञानिक बनना चाहते थे. आज वह माता-पिता, गुरुजनों और परिवार के सपोर्ट से अपना सपना साकार करने में कामयाब हुए हैं.
एक सवाल के जवाब में आमिर कहते हैं, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता.कड़ी मेहनत से ही इसे हासिल किया जा सकता है. इस दौरान मन में निराशा के भाव नहीं आने चाहिए. आपको लक्ष्य की ओर बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता.
बता दें कि इस पहले आमिर ने गेट की परीक्षा में ऑल इंडिया 45 रैंक हासिल कर आईआईटी मुंबई से एमटेक की डिग्री हासिल की है. पिछले साल इनके छोटे भाई मोहम्मद आबिद अंसारी ने भी प्रथम प्रयास में ही नीट की परीक्षा पास कर पीजीआई आजमगढ़ से एमबीबीएस कर रहे हैं.
देश को मिला एक और वैज्ञानिक, ज्ञात हो गाजीपुर जिले के मोहमदाबाद के परसा गांव निवासी मोहम्मद आमिर अंसारी पुत्र अकील अंसारी महज 23 वर्ष की उम्र में बने वैज्ञानिक, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (मुंबई) में हुआ चयन! युवा वैज्ञानिक को बहुत बहुत बधाई।#BARC#BHABHAATOMICRESEARCHCENTRE pic.twitter.com/kD1cjVGQRp
— 👨🦯Zahid👨🦯 Hussain {زاہد حسین} (@zhd_786) July 5, 2023
उनकी इस सफलता से पूरा गांव,परिवार खुश है.मोहम्मद आमिर अंसारी की इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया में भी उनकी जमकर तारीफ हो रही है.उनके वैज्ञानिक बनने की जानकारी ट्विटर पर सबसे पहले जैद हुसैन ने साझा की थी. जब कि अपना मोहम्मदाबाद फेसबुक पर भी यह जानकारी साझा की गई है, जिससे उनके लिए हौसला बढ़ाने वाले कमेंट आ रहे हैं.