राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
शिक्षा और इल्म वो रोशनी है, जो बांटने से बढ़ती है और केवल शिक्षा ही वह जरिया है, जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण किया जा रहा है. इस मंत्र को सहेजे हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही मोहम्मद जाफर गरीब बच्चों को शिक्षित करने का अहर्निश अभियान चलाए हुए हैं. उनके इस निष्काम कर्म भाव की लोग जी भरकर सराहना कर रहे हैं.
सिपाही मोहम्मद जाफर अपनी ड्यूटी पर तो मुस्तैद रहते ही हैं, बल्कि वे उप्र के गोंडा में गरीब बच्चों का शिक्षा भी प्रदान कर रहे हैं. उन्हें जब भी ड्यूटी से समय मिलता है, तो वे बच्चों को पढ़ाते हैं. बच्चों को पता रहता है कि मास्टर जी कब आएंगे, बच्चे एक झुंड बनाकर एक पेड़ के नीच इकट्ठे हो जाते हैं और क्लास शुरू हो जाती है.
जाफर बच्चों को हिंदी, गणित, विज्ञान और अन्य विषयों की शिक्षा तो देते ही हैं, बल्कि वे विषयों को रुचिकर बनाकर पढ़ाते हैं, तब बच्चों की जी उचाट न हो. वे साथ के साथ छोटे बच्चों की काउंसिलिंग भी करते हैं कि शिक्षित होकर ही अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर सकते हैं. पढ़ाई से जब समय मिल जाए, तो जाफर बच्चों के साथ खेल खेलना भी नहीं भूलते हैं, ताकि बच्चों की क्लास में रुचि बनी रहे.
कारवां ट्विटर हैंडल ने एक मीडिया वीडियो जारी करते हुए कहा, ‘‘ट्विटर स्पेस पर 6-12 घंटे समय बर्बाद करने के बजाय, मुसलमानों को इस तरह की कुछ सामाजिक गतिविधियों में खुद को शामिल करना चाहिए.’’
Instead of wasting time on Twitter Spaces for 6-12 hours , Muslims should enagage themselves in some social activities like this . https://t.co/ZBuSaaZ5XF
— Karwan (@IamKarwan) December 21, 2022
साभार: आवाज द वॉइस