दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर अभिनेत्री जूही चावला और अन्य पर 5G तकनीक से जुड़ी याचिका के संबंध में लगाए गए 2o लाख रुपए के जुर्माने का भुगतान करने की मांग की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले को 3 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वहीं जूही चावला की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उन्हें याचिका की प्रति नहीं दी गई और अभिनेता ने हाल ही में मामले के संबंध में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का रुख किया है। 25 जनवरी को मामले की सुनवाई खंडपीठ करेगी।
4 जून, 2021 को, न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने भारत में 5G तकनीक के रोल-आउट के खिलाफ जूही चावला के दीवानी मुकदमे को खारिज कर दिया और वादी पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया। साथ ही कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि मुकदमा प्रचार के लिए था। जुही ने हाल ही में फैसले को चुनौती दी है और अपील की है कि एकल पीठ के मुकदमे को खारिज करने का आदेश कानूनी रूप से गलत है क्योंकि एक मुकदमे को अदालत द्वारा एक मुकदमे के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति मिलने के बाद ही खारिज किया जा सकता है।
उन्होने यह भी कहा कि एकल पीठ ने कहा कि उनकी याचिका केवल प्रचार हासिल करने के लिए थी क्योंकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया खातों पर उच्च न्यायालय के वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग लिंक को प्रसारित किया था, जिसके परिणामस्वरूप 4 जून को हुई अदालती कार्यवाही में बार-बार व्यवधान हुआ था।
भारत में 5जी के खिलाफ याचिका पिछले साल मई में दायर की गई थी और बॉलीवुड अभिनेत्री याचिकाकर्ताओं में से एक थी। कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण जूही चावला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में शामिल हुईं और जैसा कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर वीडियो लिंक साझा किया था, सुनवाई में व्यवधान का सामना करना पड़ा।
याचिका खारिज होने के बाद जूही चावला ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह 5जी तकनीक के खिलाफ नहीं हैं। याचिका केवल 5G पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगने के लिए थी कि क्या तकनीक सुरक्षित है।