भारतीय जनता पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के लिए हर तरह के पैंतरे अपना रही है, फिर चाहे उसके लिए देश की भावनाओं को ही ताक पर क्यों न रखना पड़े।
इसी का मिसाल है कि पार्टी के चुनावी पोस्टर में भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा को भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पहने देखा जा सकता है।
दरअसल, रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा गुजरात की जामनगर उत्तर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। यूँ तो जडेजा रीवाबा के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं। लेकिन इस प्रचार के लिए भाजपा रवींद्र जडेजा की जर्सी वाली तस्वीर का इस्तेमाल सवालों के घेरे में है। भाजपा की भी आलोचना हो रही है कि चुनावी फायदों के लिए कुछ भी कर रही भले ही उसके लिए देश के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ ही क्यों न करना हो।
रालोद पार्टी के राष्ट्रीय कैंपेन प्रभारी प्रशांत कनौजिया लिखते हैं, “BCCI का कॉन्ट्रैक्ट कहता है कि आप किसी भी राजनैतिक दल, किसी अनैतिक चीज़ का प्रचार नहीं करेंगे अथवा खेलने पर प्रतिबंद लग जाएगा। भारतीय क्रिकेट टीम की वर्दी पहनकर राजनीतिक दल के प्रचार प्रसार में उतर चुका है। BCCI कोई कार्रवाई करेगा?”
BCCI का कॉन्ट्रैक्ट कहता है कि आप किसी भी राजनैतिक दल किसी अनैतिक चीज़ का प्रचार नहीं करेंगे अथवा खेलने पर प्रतिबंद लग जायेगा। भारतीय क्रिकेट टीम की वर्दी पहनकर राजनीतिक दल के प्रचार प्रसार में उतर चुका है। @BCCI कोई कार्रवाई करेगा ? pic.twitter.com/PNkI16AkH5
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) November 26, 2022
पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर ने BCCI से सवाल करते हुए पूछा, “बीजेपी के प्रचार के लिए टीम इंडिया की जर्सी का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? क्या BCCI ही रोड शो को स्पांसर कर रही है?”
Why is Team India's jersey used for a BJP campaign?
Is @BCCI sponsoring the road show? 🤔 https://t.co/HN65eU0PxZ— Mohammed Zubair (@zoo_bear) November 26, 2022
ऐसा नहीं है कि रवींद्र जडेजा और उनकी पत्नी रीवाबा पहली बार विवाद में फंसे हैं। कुछ दिन पहले भी बच्चों से चुनाव प्रचार कराने के लिए रीवाबा के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज़ की गई थी। लेकिन इस बार भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का ही इस्तेमाल कर कई कानून तोड़े गए, तमाम प्रशंसकों की भावनाओं से खिलवाड़ किया गया।
सवाल है कि क्या इसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा? BCCI और चुनाव आयोग पर ही ये ज़िम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि चुनाव आयुक्त स्वंतत्र और मज़बूत होना चाहिए। वैसे ये ज़रूरी भी है। वरना ऐसे कृत्यों पर संज्ञान नहीं लिया जाता है और सत्ता के हित को ही सही कानून समझा जाता है।
साभार: बोलता हिदुस्तान