यूक्रेन में एक पाकिस्तानी बस टूर मैनेजर ने अब तक 2,500 भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद की है, जो रूस के आक्रमण से प्रभावित देश में फंसे हुए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद के पास तारबेला छावनी इलाके का रहने वाले मोअज्जम खान 11 साल पहले यूक्रेन आए थे और टेरनोपिल में बस गए थे। यूक्रेन में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले खान ने अपना पेशा बदल लिया और यूक्रेन में बस यात्रा व्यवसाय शुरू किया।उनकी बस सेवा ने यूक्रेन में फंसे कम से कम 2,500 भारतीयों को निकालने में मदद की है। उन्होंने टीम एसओएस इंडिया के संस्थापक नितेश सिंह के साथ इस मिशन में सहयोग किया।
खान की बस सर्विस ने टेरनोपिल से छात्रों को लिया और उन्हें हंगरी और स्लोवाकिया की सीमाओं पर छोड़ा। जो 5 घंटे की ड्राइव दूर हैं, रोमानिया, जो कि 3 घंटे की ड्राइव है, और पोलैंड, जो कि ढाई घंटे की ड्राइव है।
यूक्रेन में अंतरराष्ट्रीय नागरिकों के लिए इस कठिन समय के दौरान, जब अन्य ड्राइवरों ने अपना किराया 250 डॉलर तक बढ़ाया, खान की बस सेवा ने प्रत्येक भारतीय छात्र से $20 या $25 का शुल्क लिया। कई बार जब छात्रों के पास पैसे नहीं होते थे तो उन्होने पैसे भी नही लिए। खान ने कहा कि यूक्रेन में भाषा की कठिनाई के कारण उन्हें विशेष रूप से सहानुभूति है।
उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा, “मैं उर्दू बोलता हूं और अधिकांश भारतीय छात्र हिंदी बोलते हैं, इसलिए यह हमें तुरंत जोड़ता है। हिंदी और उर्दू लगभग समान हैं और इसलिए हम अच्छी तरह से मिलते हैं।” कई भारतीय व्हाट्सएप ग्रुपों पर खान का मोबाइल नंबर वायरल हो गया क्योंकि उन्होंने फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकालने में मदद की।
उन्होने कहा, “उसके बाद मुझे बचाव कार्यों के लिए आधी रात में नॉन-स्टॉप फोन आने लगे। सबसे बड़ी खुशी यह थी कि इन भारतीय छात्रों के माता-पिता मुझे फोन या व्हाट्सएप पर धन्यवाद देते हुए संदेश भेजते थे।”
देश से हजारों भारतीयों को निकालने के बाद, खान यूक्रेन नहीं छोड़ना चाहते थे क्योंकि उनका आधा परिवार सूमी में फंसा हुआ है, जहां लगभग 700 भारतीय छात्र अभी भी निकासी की प्रतीक्षा कर रहे थे।