एक बहादुर पुलिस अधिकारी ने कैसे क्लास में बंधक बने 71 बच्चों को बचाया

आवाज द वाॅयस / कोलकाता
पश्चिम बंगाल के मालदा के मुचिया चंद्रमोहन हाई स्कूल में बुधवार की दोपहर सामान्य दिनों जैसी ही थी. तभी एक बंदूकधारी छात्रों से खचाखच भरी कक्षा में घुस आया.इस दौरान कक्षा 7में 71 छात्र मौजूद थे. बंदूकधारी छात्रों पर बंदूक तान कर चिल्लाते हुए क्लास टीचर को जान से मारने की धमकी देने लगा. देव बल्लव के रूप में पहचाने जाने वाले इस व्यक्ति के एक हाथ में पिस्तौल और दूसरे हाथ में कागज था.

इस दौरान क्लास टीचर और बच्चे डर से थर-थर कांप रहे थे.तभी स्कूल प्रशासन की ओर से घटना की सूचना पुलिस को दी गई. बताया गया कि एक बंदूकधारी ने 72बच्चों को क्लास रूम में बंधक बनाया लिया है.चूंकि सूचना गंभीर थी, इसलिए पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव अपने नेतृत्व में भारी फोर्स लेकर स्कूल पहुंच गए.

हालांकि बंदूकधारी अकेला था. फिर भी पुलिस सावधानी बरत रही थी कि कहीं ऑपरेशन के दौरान कोई बड़ा हादसा न हो जाए. बदमाश ने अगर अपने आसपास पुलिस की वर्दी में किसी को देखा तो गोली चला सकता है.इस बीच कोलकाता निवासी पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अजहरुद्दीन खान को ऑपरेशन की कमान सौंपी गई. वर्तमान में वह मालदा जिले में तैनात हैं.

आदेश मिलते ही उन्होंने पुलिस वर्दी वहीं उतारी और स्कूल परिसर में मौजूद एक व्यक्ति के कपड़े पहन लिए.बताते हैं कि अजहरुद्दीन टी-शर्ट और चप्पल पहनकर रिपोर्टर बनकर कक्षा में घुस गए. इसके बाद वह बल्लव से सवाल पूछने लगे. साथ ही सारी बातचीत मोबाइल में रिकॉर्ड करते रहे.

पुलिस के मुताबिक, बातचीत के दौरान जैसे ही अजहरुद्दीन को मौका मिला बल्लव पर धावा बोलकर उसे काबू में कर लिया. इस बीच एक सब-इंस्पेक्टर भी पहुंच गया और उसे जमीन पर पटक दिया. पुलिस ने बल्लव को हिरासत में ले लिया. हथियार भी कब्जे में ले लिया गया.

घटना के बाद से बच्चों के माता-पिता की ओर से उनकी लगातार प्रशंसा की जा रही है. अजहरुद्दीन ने कहा, मेरी पहली और एकमात्र प्राथमिकता उन सभी बच्चों को सुरक्षित बचाना था. आज अगर किसी मां ने अपना बच्चा खोया होता तो मैं खुद को माफ नहीं कर पाता.

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