गूगल ने रविवार को शिक्षिका और समाज सुधारक फातिमा शेख को उनकी 191वीं जयंती के अवसर पर डूडल के जरिये सम्मानित किया।
फातिमा शेख ने ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले के साथ लड़कियों की शिक्षा के लिए काम किया। उन्होंने 1848 में लड़कियों के लिए भारत के पहले स्कूलों में से एक, स्वदेशी पुस्तकालय की सह-स्थापना की।
वह अपने भाई उस्मान के साथ रहती थी, और निचली जातियों के लोगों को शिक्षित करने के प्रयास के चलते हुए विरोध के बाद दोनों भाई-बहनों ने फुले के लिए अपना घर खोल दिया था। दोनों ने अपने घर में ही स्वदेशी पुस्तकालय खोला।
In the year 1848, #FatimaSheikh and #SavitriBaiPhule had set up the first school for girls in India.
The school was opened in the house of Fatima and was also run at her brother Usmain Sheikh, for a period. pic.twitter.com/5zjLIRQNQJ
— Muslims of India (@WeIndianMuslims) January 3, 2022
शेख ने घर-घर जाकर अपने समुदाय के वंचित वर्गों को स्वदेशी पुस्तकालय में सीखने के लिए आमंत्रित किया। उन्हें प्रभावशाली वर्गों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए आंदोलन में शामिल लोगों को अपमानित करने का प्रयास किया, लेकिन शेख और उनके सहयोगियों ने अपना संघर्ष जारी रखा।
फातिमा शेख बच्चों को अपने घर में पढ़ने के लिए घर-घर से बुलाकर लाया करती थीं और उन बच्चों को पढ़ाती थीं। ऐसा करने से फातिमा शेख हमेशा के लिए भारतीय इतिहास में अमर हो गईं और भारत ही नहीं पूरी दुनिया मे एक मिसाल बनीं।