NDTV के फाउंडर बोले- बिना हमारी सहमति के 29% ले लिया गया, हम वही पत्रकारिता जारी रखेंगे

अडानी की कंपनी ने NDTV के 29 प्रतिशत शेयर को खरीद लिया है,ये बात टीवी मीडिया और सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो चुकी है। अब क्योंकि करार का कागज सामने आ गया है तो शेयर खरीदे जाने की बात को झुठलाया भी नहीं जा सकता है मगर इस डील पर एनडीटीवी की तरफ से जो बयान आया है वो हैरान करने वाला है।

राधिका और प्रणव राय का दावा है कि उनसे बिना चर्चा किए, उनकी बिना सहमति लिए 29% शेयर अडानी की कंपनी ने ले लिया।

एनडीटीवी पर एक खबर प्रकाशित हुई जिसकी हेड लाइन में लिखा है “बिना चर्चा, बिना सहमति, बिना नोटिस के एनडीटीवी का 29 परसेंट अधिग्रहित कर लिया गया”

नीचे खबर को विस्तार से लिखा गया है कि एनडीटीवी के संस्थापकों राधिका और प्रणव रॉय से बिना कोई डिस्कशन किए एक नोटिस दे दी गई, जिसमें वीसीपीएल यानी विश्व प्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने RRPR से उसकी हिस्सेदारी ले ली है।

गौरतलब है कि RRPR के पास एनडीटीवी का 29.18% है।दिलचस्प बात है कि इस कंपनी को अपना ये शेयर वीसीपीएल को ट्रांसफर करने के लिए सिर्फ 2 दिन का वक्त दिया गया है।

वीसीपीएल ने अपने इस अधिकार का इस्तेमाल एनडीटीवी को दिए गए लोन के एग्रीमेंट के आधार पर किया है, जो संस्थापकों राधिका और प्रणव रॉय ने 2009-10 में लिए थे।

इस पूरे मामले पर एनडीटीवी के संस्थापकों ने सफाई देते हुए कहा कि “स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि वीसीपीएल ने अपने इस अधिकार का प्रयोग बिना किसी बातचीत और सहमति के किया है।

अभी कल ही एनडीटीवी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि उसके फाउंडर्स के शेयर होल्डिंग में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।

आखिर में एनडीटीवी स्पष्टीकरण देते हुए लिखता है “एनडीटीवी ने अपनी पत्रकारिता के काम से कभी भी समझौता नहीं किया है। हम गर्व के साथ वही पत्रकारिता करते रहेंगे।”

साभार: बोलता हिदुस्तान

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