रवीश कुमार: कश्मीरी पंडित भी भाजपा से अपना मुद्दा नहीं छीन सकते, वो भाजपा का था और रहेगा

रवीश कुमार

कश्मीर फाइल्स के समय भावुकता का ज्वार पैदा करा दिया गया था। भयंकर महंगाई और बेरोज़गारी से लुकाए-छिपाए हताश समर्थकों में जोश पैदा हो गया।जनता को अपनी तरह का होता देख, वे जनता की तरफ़ से उस जनता को ललकारने लगे, जो उनकी तरह नहीं हो सकी थी। समर्थक भले ही महंगाई को लेकर चुप थे,मगर कश्मीर फाइल्स देखने के बाद कश्मीरी पंडित को लेकर आगबबूला हो गए। सिनेमा हॉल में जय श्रीराम के नारे लगाने लगे।

कश्मीर फाइल्स के कुछ ही हफ़्तों बाद कश्मीरी पंडित ही कहने लगते है कि इस फ़िल्म के ज़रिए उनका इस्तेमाल हो रहा है। बलि का बकरा बनाया जा रहा है। मई में कुछ कश्मीरी पंडितों और हिन्दुओं की हत्या के बाद उनके भीतर असुरक्षा का ज्वार पैदा हो गया। उन्हें लगा कि देश में फिर से कश्मीर फाइल्स की तरह कश्मीरी पंडितों को लेकर भी ज्वार पैदा हो जाएगा। वैसा ज्वार पैदा नहीं हुआ। कश्मीरी पंडित गोदी मीडिया को भला-बुरा कहने लगे क्योंकि उन्हें यक़ीन नहीं हुआ कि गोदी मीडिया उनके प्रदर्शनों को कवर नहीं करेगा।इस तरह से इस बार कश्मीरी पंडितों को लेकर कोई भावुकता पैदा नहीं हुई। क्योंकि वो भावुकता अतीत के वर्चुअल कश्मीरी पंडितों के लिए रिज़र्व है।

लिहाज़ा सामाजिक और राजनीतिक रुप से अकेला पाकर कश्मीरी पंडितों ने पलायन करना शुरू कर दिया। बहुत सारे पंडित घाटी छोड़ चुके हैं। केंद्र सरकार ने आधिकारिक रुप से कोई बयान नहीं दिया है। सूत्रों के हवाले से कहलवाया जा रहा है कि कश्मीरी पंडितों के पलायन को रोका जाएगा। रोका भी जा रहा है। जिन सरकारी जगहों पर कश्मीरी पंडित रहते हैं, वहाँ पहरा बिठा दिया गया है। लेकिन क्या जो पंडित वापस चले गए हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा?

कश्मीर का कोई भी मसला कश्मीर के लिए नहीं है। यूपी-बिहार के लिए है। यूपी-बिहार की राजनीति में जिस तरह से भाजपा ने कश्मीर को सेट किया है, उसे विपक्ष ने तब गंभीर चुनौती दी, न अब दे रहा है। केवल चार लाइन का ट्विट कर रहा है। यूपी-बिहार के लोग कश्मीरी पंडितों को लेकर जो सोच चुके हैं, उसमें लंबे समय तक बदलाव नहीं आएगा। इसलिए कश्मीरी पंडितों की मौजूदा समस्या राजनीति में ज्वार पैदा नहीं करेगी। इससे भाजपा को कोई मुश्किल नहीं आएगी। सरकार को भी बहुत फ़र्क़ नहीं पड़ता। कश्मीरी पंडितों का मुद्दा कश्मीरी पंडितों का नहीं, भाजपा का है और वो हमेशा से रहेगा। कश्मीरी पंडित भी इस मुद्दे को भाजपा से नहीं छीन सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *