डॉ. अब्दुल क़दीर की मेहनत को सलाम, 900 छात्र को बनाया एमबीबीएस डॉक्टर

सैय्यद आसिफ अली

आज हम आपका परिचय मुल्क की एक ऐसी मशहूर-ओ-मारूफ शख्सियत से कराने जा रहे हैं जिनकी मेहनत और जज़्बे के किस्से अक्सर लोगों ने सुने हैं। और वो हैं “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” के फाउंडर डॉ. अब्दुल क़दीर. डॉ. अब्दुल क़दीर का नाम मुल्क में तालीमी बेदारी के आइकॉन के तौर पर लिया जाता है, और उनके तालीमी इदारे “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” का नाम दुनिया भर में बेहतरीन तालीम और कोचिंग के लिए जाना जाता है।

डॉ. अब्दुल क़दीर का राजस्थान के कोटा में अल-बयान पब्लिक स्कूल के उद्घाटन के सिलसिले में आना हुआ, इस स्कूल के सरपरस्त असिस्टेंट प्रोफ़ेसर (उर्दू) डॉ. मोहम्मद नईम हैं। डॉ. अब्दुल क़दीर एक इंजिनियर हैं, मगर इन्होने मुल्क में तालीमी बेदारी के साथ साथ एक नेक इंसान बनाने की मुहीम के लिए काम करने का फैसला लिया, और 1989 में एक छोटे से कमरे में 17 स्टूडेंट्स के साथ कोचिंग इंस्टिट्यूट की शुरुआत की, आज इस इंस्टिट्यूट के अंतर्गत 16 प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज और 9 कॉलेज चल रहें हैं साथ ही एक डिग्री कॉलेज भी चलाया जा रहा हैं जिसकी ब्रांच बंगलौर और मैसूर में है।

“शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” में 50 फ़ीसदी स्टूडेंट्स गैर मुस्लिम हैं, और यहाँ लड़कियों के लिए बीएससी और बीए की तालीम का अलग से इंतज़ाम भी है, और ये इंस्टीटूशन ऑटोमोबाइल और मोबाइल फ्री है। डॉ. अब्दुल क़दीर का कहना था कि आजकल लोग अपने लिए बड़े बड़े मकान तामीर कर रहे हैं, और इस तामीर पर दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं, मगर लोग अपनी नस्ल की तामीर के लिए बिलकुल भी फिक्रमंद नहीं हैं, जबकि नस्ल की तामीर मकान की तामीर से ज़्यादा अहम् है, उनका कहना था कि एक बच्चे/बच्ची को पढ़ाया तो समझिये कि एक नस्ल को शिक्षित कर दिया।

शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट के अंतर्गत के.जी से लेकर ग्रेजुएशन तक की शिक्षा के साथ साथ प्रोफेशनल कोर्सेज की कोचिंग भी दी जाती है। 2012 में इस इंस्टिट्यूट के 71 स्टूडेंट्स ने, 2014 में 89 , 2015 में 93 स्टूडेंट्स, 2015 में 111, 2016 में 158 और 2017 में 2000 से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाबी हासिल की। 2008 से इस इंस्टिट्यूट के 1764 स्टूडेंट्स ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर मेडिकल, इंजीनियरिंग और बाक़ी के प्रोफेशनल गवर्नमेंट कोर्सेज में प्रवेश लिया ! शाहीन इंस्टिट्यूट के 900 स्टूडेंट्स ने MBBS में सफलता हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया है।

डॉ. अब्दुल क़दीर का कहना है कि हमारे लिए एक एक बच्चा क़ीमती है, तालीम से कोई बच्चा या बच्ची महरूम ना रहे, वो हर तबके को तालीम देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, इसके लिए उन्होंने स्कालरशिप प्रोग्राम्स चला रखे हैं। शाहीन इंस्टिट्यूट में न सिर्फ प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए कोचिंग दी जाती है, बल्कि स्कूल्स में उन्हें तालीम के साथ एक नेक इंसान और सभ्य नागरिक, आज्ञाकारी संतान बनाने पर भी ज़ोर दिया जाता है, सबसे अहम् बात डॉ. अब्दुल क़दीर ने ये बताया कि आज उनके इंस्टिट्यूट में कई बड़े भाजपा नेताओं, संघ से जुड़े पदाधिकारियों के बच्चे पढ़ते और कोचिंग लेते हैं, और ख़ास बात ये कि उन बच्चों के नैतिक व्यवहार के सुधर पर खुद वो आकर डॉ. साहब का शुक्रिया अदा करते हैं।

आज उनके इंस्टिट्यूट में 25 राज्यों के बच्चे मेडिकल कोचिंग के लिए प्रवेश लेने आते हैं और साथ ही विदेशों से भी लोग अपने बच्चों को पढ़ने और मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए भेजते हैं। हर साल 200 से ज़्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स सफल होकर सरकारी कॉलेजेज़ में सीट हासिल करते हैं, अब डॉ. अब्दुल क़दीर साहब ने शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट को विस्तार दिया है, और शिमोगा, बेलगावी, मैसूर, गुलबर्गा, कोलार, राइचूर, पटना, औरंगाबाद और लखनऊ में अपनी ब्रांचेज खोली हैं, और जयपुर (राजस्थान) में भी इसकी जल्दी ही शुरुआत की जाने की बात कही है।

डॉ. अब्दुल क़दीर ने अपने “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” में ही ‘हिफज़ुल क़ुरआन’ का एक अलग ही तीन चार तरह के कोर्सेज भी शुरू किये हुए है, इसके अलावा वो मुल्क के तमाम हुफ़्फ़ाज़ (हाफिजों) के लिए B A Bsc ,और प्रोफेशनल कोर्सेज भी शुरू किये हुए हैं, साथ ही इन्हे कोर्सेज ख़त्म करने के बाद प्लेसमेंट में भी पूरी मदद की जाती है। उन्होंने बताया कि अप्रेल 2018 में जयपुर (राजस्थान) में राजस्थान के तमाम हुफ़्फ़ाज़ (जिनकी उम्र 17 साल या उससे कम हैं) का एक बड़ा प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। डॉ. अब्दुल क़दीर साहब को शिक्षा और निस्वार्थ समाज सेवा के लिए प्रतिष्ठित ‘गुरुकुल अवार्ड’, टीचिंग रत्न प्रशस्ति पत्र, और ‘डॉ. मुलताज खान अवार्ड’ के साथ साथ कर्नाटक उर्दू अकादमी से भी पुरस्कार दिए जा चुके हैं। डॉ. अब्दुल क़दीर और उनके जज़्बे के लिए डॉ. अल्लामा इकबाल का एक शेर पेश है:-

तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा

तेरे सामने आसमां और भी हैं।

8 thoughts on “डॉ. अब्दुल क़दीर की मेहनत को सलाम, 900 छात्र को बनाया एमबीबीएस डॉक्टर

    1. MaashaAllah.a great task.ALLAH helps u,and pray to keep continue.and ALLAH help by others

  1. I have three Daughters.
    Eldest Daughter is in Final Year of BDS.
    Second daughter is doing Coaching in Allen Coaching.
    Third is unable to join Coaching due to financial issue and is doing online classes in Unacademy.
    My hertiest wish and pray that both daughter would compete for MBBS in government College .Because We can’t afford private college fees.
    Need your guidance and blesseings for their bright career.

  2. Allah Tabarak wa ataala Dr. Abdul Qadeer Saheb ko Umr drazi, Sehatyyabi, Aur zyada Himmat o Tsqat Ata Farmaey.
    Mumkin ho to Dr. Sb. Ka Personal no. Ya e-mail share kar den. Bahut Zaroori Baat Karna Hai.

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