स्वेच्छा से इस्लाम धर्म कबूल करने वाली एक महिला को दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलि’स सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। दरअसल महिला ने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की थी। महिला ने दावा किया था कि उसके पीछे उत्तर प्रदेश पुलि’स, मीडिया और धार्मिक संगठन पड़े हैं।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की निवासी इस महिला ने अपनी याचिका में कहा कि वह वयस्क है और संविधान उसे अपना धर्म चुनने का अधिकार देता है और वह जिस धर्म को मानने का, चुनने का निर्णय लेती है उसके लिए उन्हें प्रता’ड़ित नहीं किया जा सकता, उसे निशाना नहीं बनाया जा सकता।
महिला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि धर्म परिवर्तन के कारण उसके और उसके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है और मीडिया में उनके बारे में दुर्भावनापूर्ण सामग्री छापी जा रही है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने मामले की सुनवाई की और दिल्ली पुलिस को महिला की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा, मैं समझता हूं कि पांच जुलाई को नियमित पीठ द्वारा मामले की सुनवाई किए जाने तक प्रतिवादी एक और दो (दिल्ली पुलि’स आयुक्त और जामिया नगर थाने के एसएचओ) को याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के वास्ते उचित कदम उठाने के लिए सीमित निर्देश जारी करना उचित है।
बता दें कि रेणु गंगवार उर्फ आयशा अल्वी ने 27 मई को दिल्ली में इस्लाम धर्म अपना लिया था। जिसके बाद से ही उन्हे मीडिया द्वारा फोन लगाकर परेशान किया जा रहा है। वहीं मना करने पर मीडियाकर्मी बगैर अनुमति उनके घर आ गए और उनकी तस्वीरें, वीडियो लेने लगे। जिसके बाद उन्हें धम’की भरे फोन भी आए।