मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
बॉलीवुड के किंग ऑफ रोमांस शाहरुख खान अभी अपनी आने वाली फिल्म ‘पठान’ को लेकर सुर्खियों में हैं. मगर हम में से कम लोगों को पता है कि वो देश की पीड़ित महिलाओं के लिए लंबे अर्से से काम कर रहे हैं. इसके लिए उन्हांेने वर्षों पहले अपने पिता की याद में ‘मीर फाउंडेशन’ का गठन किया था, जिसने दिल्ली हादसे की शिकार अंजलि सिंह के परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है.
अंजलि सिंह अपने परिवार में इकलौती कमाने वाली थी. अब शाहरुख खान की मीर फाउंडेशन उनके परिवार की आर्थिक मदद कर रहा है.फाउंडेशन उसकी मां की स्वास्थ्य की देखभाल में भी लगी है.बता दें कि 1 जनवरी को दिल्ली के बाहरी इलाके में एक भीषण दुर्घटना के बाद अंजलि की मौत हो गई थी.
पुलिस जांच के अनुसार, वह अपने स्कूटर से काम से घर लौट रही थी, तभी एक कार ने उसके दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी. उसका शरीर 10 किमी से अधिक दूरी तक वाहन के नीचे घिसटता रहा.मीर फाउंडेशन के एक बयान के अनुसार, शाहरुख खान की मीर फाउंडेशन ने अंजलि सिंह के परिवार को एक अज्ञात राशि से मदद की है.
दिल्ली के कंझावला में हुई इस क्रूर हिट एंड रन मामले में 20 साल की अंजलि की जान चली गई थी. अंजलि अपनी मां और भाई-बहनों वाले परिवार में अकेली कमाने वाली थी. बयान में बताया गया कि मीर फाउंडेशन द्वारा सहायता का उद्देश्य अंजलि के भाई-बहनों को पर्याप्त राहत प्रदान करते हुए परिवार, विशेष रूप से मां को उनके स्वास्थ्य के मुद्दों में मदद करना है.
शाहरुख खान के फाउंडेशन के बारे में
मीर फाउंडेशन एक परोपकारी संस्था है जिसका नाम शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान के नाम पर रखा गया है. इसकी स्थापना 2013 में की गई थी,जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर बदलाव लाना है और महिलाओं को सशक्त बनाने वाली दुनिया बनाने के लिए काम करता है. पहले भी मीर फाउंडेशन वंचित महिलाओं और बच्चों को सहायता प्रदान करता रहा है.
मीर फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उनका मिशन महिलाओं को उनकी सराहना और प्रेरणा देकर उन्हें सक्षम, बढ़ाना और प्रोत्साहित करना और उनके जीवन में पुरुषों के बीच विनम्रता, गर्व और वीरता को बढ़ावा देना है. फाउंडेशन ने कई एसिड अटैक पीड़ितों की मदद की है और कोविड-19 महामारी के दौरान भी लोगों की सहायता के काम आई है.
मीर के बारे में क्या कहते हैं शाहरूख खान
फाउंडेशन की वेबसाइट पर अपने संदेश में शाहरुख खान कहते हैं-‘‘मेरे जीवन में कई लोगों ने मेरी मदद करी है जिस वजह से मैं आज इस मुकाम पर आ पहुंचा हूं.इसी कारण ही मैं लोगों के लिए , खासकर महिलाओं के लिए कुछ करना चाहता हूं.
मेरा सपना है कि मैं महिलाओं के लिए एक ऐसा वातावरण बनाऊं जहां वह अपने अतीत को भुलाकर अपने भविष्य को साकार कर सकें. शायद यह कुछ ज्यादा ही आदर्शवादी सोच है, लेकिन मेरा यह मानना है कि अगर हम सब एकजुट हो जाएं तो हम महिलाओं को सशक्त बनाने में जरूर कामयाब होंगे.
उनके लिए एक सुरक्षित, सुखी और संतुष्ट वातावरण बनाना नामुमकिन नहीं है. अफसोस की बात तो यह है कि हकीकत में महिलाओं को ज्यादा आजादी नहीं मिलती है.उन्हें अक्सर यह एहसास दिलाया जाता है की वे नाकामयाब हैं और इस वजह से उनपर कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती है.
यहां तक की उन्हें न कहने के लिए भी दंडित किया जाता है. यह सब इसलिए क्यां कि उनकी दिल से कोई इज्जत नहीं कर पाता. यह मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता, बल्कि मेरा मानना है कि महिलाओं के अधिकार उन्हें हर मोड़ पर मिलने चाहिए और मेरी इसी सोच के कारण मैं उन्हें सशक्त करने की ओर कदम बढ़ा रहा हूं.
खासकर एसिड अटैक जैसी भयानक कृत्यों के विषय में मेरा मानना है कि जब महिलाओं पर अत्याचार होते हैं तो उन्हें एक सहेली की जरूरत होती है, जिस पर वह भरोसा कर सकें और जो उन्हें अपनी आने वाली चुनौतियों से जूंझने की शक्ति दे सकें.
मीर उनकी एक ऐसी ही सहेली है. मीर फाउंडेशन की सोच मेरे पिताजी से प्रेरित है, जो बहुत ही सज्जन और दयालु इंसान थे. महिलाओं के बीच वे हमेशा आदर और सम्मान के साथ पेश आते और उन्होंने मुझे भी यही सीख दी है.
मीर उनकी दी गई उपाधि से प्रेरित है, जो उनके सिद्धांतों का स्वरूप है. मीर के माध्यम से, मेरा मानना है कि हम उन महिलाओं की मदद कर सकते हैं, जिनके साथ सहायता के नाम पर गलत व्यवहार किया गया है. पिछले वर्ष में, मैंने फाउंडेशन के बेहतर जीवन और भविष्य को बदलने की अपार संभावनाओं को देखा है.
हमने केवल शुरुआत की है, और हम और भी मजबूत होने की योजना बना रहे हैं, अंततः यह सपने को सच करने की कोशिश जारी है.
हमारा सपना
मीर की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि बराबारी के सिद्धांतों पर खड़ा एक ऐसा समाज बनाना है जो निडर हो कर महिलओं को सशक्त कर आजादी से जीने दे. बराबरी के सिद्धांतों पर खड़ा एक ऐसा समाज बनाना है जो निडर होकर महिलाओं को सशक्त करे और उनको आजादी का एहसास कराए.
हमारा उत्तरदायित्व
फाउंडेशन के अनुसार, महिलाओं की रक्षा करना और उन्हें सशक्त बनाना, पुरुषों में विनम्रता और वीरता को बढ़ावा देना और हम सभी के भीतर मौजूद बहादुरी और आशावाद को बढ़ावा देना हमारा दायित्व है.
खबर साभार: आवाज द वॉइस