रामदेव की कंपनी रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड को लेकर कांग्रेस ने बड़ा खुलासा किया है। कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिवालिया कंपनी होने के बावजूद रामदेव की वजह से रुचि सोया को 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दे दिया गया। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूंजीपति दोस्तों की मदद में लगे हुए है।
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार अपनी पूंजीवादी मित्रों का सहयोग एवं समर्थन जारी रखे हुए है।” उन्होने कहा कि रामदेव द्वारा प्रवर्तित पतंजलि समूह ने रुचि सोया को ₹4,350 करोड़ में खरीदा। “इस कंपनी [रुचि सोया] ने 12,146 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और बैंकों ने उनके लिए दावा करना शुरू कर दिया था। एसबीआई सहित कई बैंक इन दावों के संपर्क में थे।
हालाँकि, जब रुचि सोया ने दिवालियेपन के लिए आवेदन किया, तो बैंक दिए गए ऋण का केवल 43.6% ही वसूल कर सके। लेकिन जब पतंजलि ने बंद हो चुकी कंपनी का अधिग्रहण करने का फैसला किया, तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अधिग्रहण के लिए 3,250 करोड़ रुपये के ऋण की पेशकश करने पर सहमति व्यक्त की।
पवन खेड़ा ने पूछा, “यह प्रासंगिक प्रश्न उठता है कि एसबीआई ने रुचि सोया में पतंजलि के निवेश को किस दबाव के कारण निधि दी? कौन सा बैंकिंग सिद्धांत एक बैंक को अनुमति देता है जिसे एक कॉर्पोरेट के ऋणों को बट्टे खाते में डालना पड़ा था ताकि अधिक ऋण जारी करके उसी कॉर्पोरेट को खरीदने के लिए निधि दी जा सके? किसकी सलाह या आग्रह के तहत एसबीआई ने एक ऐसी फर्म को फंड देना जारी रखा जो शुरू से ही विफल हो गई थी?”
उन्होने कहा, “प्रधानमंत्री और सरकार सरकारी खजाने और आम आदमी की कीमत पर इन पूंजीपतियों और व्यवसायियों बाबाओं का समर्थन जारी नहीं रख सकते। यह आम आदमी द्वारा बनाया गया राष्ट्र है, व्यापारियों द्वारा नहीं बनाया गया है।