एक साथ 16 गोल्ड मेडल जीतने वाली बुशरा बोली – तहज्जुद में मांगी गई दुआओं से मिली कामयाबी

बेलागवी : रायचूर एसएलएन कॉलेज के बीई सिविल इंजीनियरिंग विभाग की छात्रा बुशरा मतीन ने वीटीयू से कुल 16 गोल्ड मेडल जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया है। ये विश्वविद्यालय के इतिहास में पहला रिकॉर्ड है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने बताया कि अब तक सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड 13 का रहा है।

हिजाबी गर्ल बुशरा मतीन को 10 मार्च को विश्वविद्यालय के 21वीं दीक्षांत समारोह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने एक साथ 16 गोल्ड मेडल और डिग्री से सम्मानित किया। अपनी इस कामयाबी को बुशरा ने तहज्जुद में मांगी गई दुआओं का कबूलियत बताया।

आवाज़ द वाइस की एक रिपोर्ट के अनुसार बुशरा ने कहा, ‘‘मैं अल्लाह की बहुत शुक्रगुजार हूं जिसने मुझे इतनी कामयाबी और सम्मान से नवाजा। मुझसे ज्यादा खुश मेरे भाई और बहन है और कामयाबी का क्रेडिट भाई शेख तनवीरुद्दीन का जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं नमाज़ और तहज्जुद रोजाना पढ़ती हूं। मैंने तहज्जुद के समय अपनी कामयाबी के लिए बहुत दुआएं मांगी थीं, अल्लाह ने आज मेरी कामनाएं पूरी कर दी हैं, ये कामयाबी इन्हीं दुआओं का फल है, मेरी कामयाबी का राज नमाज हैं।’’ भाई-बहन में तीसरे नम्बर पर रहने वाली बुशरा कहतीं हैं, ‘‘मेरा ईमान है कि नमाज सभी समस्याओं का हल है, नमाज की पाबंदी बहुत जरूरी है। तहज्जुद के वक्त मांगी जाने वाली हर दुआएं कबूल होती हैं।’’

हिजाब से जुड़े एक सवाल पर बुशरा मतीन बताती हैं, ‘‘मैं चार साल से हिजाब पहनकर कॉलेज जाती रही हूं लेकिन कभी किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है, ये हमारा संविधानिक और मौलिक अधिकार है।’’ बुशरा अब सिविल सेवा में जाना चाहती है और इसके लिए तैयारी भी कर रही है।’’

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