भारत में मुस्लिम समुदाय शिक्षा में काफी पिछड़ा हुआ है। लड़कियों की शिक्षा के मामले में वह हमेशा से ही रूढ़िवादी रहा। लेकिन अब समाज की लड़कियां आगे आकर कामयाबी के परचम फहरा रही है। उन ही लड़कियों में से एक है ‘बुशरा बानो’। यूपी के कन्नौज की बुशरा बानो (Bushra Bano) एक बार फिर यूपीएससी पास कर आईपीएस बनी है। वह इससे पहले भी दो बार यूपीएससी पास कर चुकी है और एसडीएम के पद पर अपनी सेवाएं दे चुकी है।
संसाधनों के अभाव में बुशरा बानो की कामयाबी एक बड़ी मिसाल है। सोमवार को सिविल सर्विस के सीट आवंटन के बाद बुशरा का आईपीएस बनने का ख्वाब पूरा हो गया। फुल टाइम जॉब, शादीशुदा जिंदगी और बच्चे की जिम्मेदारियों के बीच उन्होने ये कामयाबी हासिल की है। इससे पहले वह यूपीएससीसी के अलावा पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुकी है। उन्होने पहले प्रयास में ही जेआरएफ़ पास की थी। उन्होने कोल इंडिया लिमिटेड में नौकरी भी की।
पीएचडी के दौरान ही 2014 में बुशरा की शादी मेरठ के असमर हुसैन से हो गईं। इसके बाद उन्होने यूपीएससी की तैयारी की। बुशरा अरशद इस समय फिरोजाबाद में एसडीएम सदर के तौर पर तैनात है। UPSC 2018 की परीक्षा में 277वीं रैंक हासिल करने वाली बुशरा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रही हैं। उनकी पारिवारी प्रष्ठभूमि बेहद ही साधारण है। उनके पिता पेशे से किसान है।
पति के साथ सऊदी अरब में खुशहाल जिंदगी गुजार सकने वाली बुशरा ने अपने वतन को तरजीह दी और शादी के कुछ दिनों बाद ही वापस भारत लौट आई। बता दें उनके पति सऊदी अरब में प्रोफेसर है। बुशरा का कहना है कि “वतन वापसी की सिर्फ़ एक वजह थी ‘राष्ट्रप्रेम’ वतन से बेपनाह मोहब्बत, मैं अक्सर यह सोचती थी कि जो इल्म मैंने हिंदुस्तान में अपने मुल्क के बाशिंदोँ से सीखा है, उससे पैदा हुई स्किल का लाभ भी अपने ही मुल्क के बाशिंदोँ को मिलना चाहिए, यह उनका हक़ है।“
बुशरा आगे बताती हैं, मैंने ईमानदारी से नौकरी की। बतौर माँ अपना फर्ज निभाया। एक शौहर का ख्याल रखने वाली बीवी भी बनी। लगातार हो रही सर्जरी से होने वाले दर्द को बहाना नही बनाया और अब पुलिस कप्तान बन गई।
Sister apko Mera salam hai, Muslim samaj ke liye aap ek misal kayem ki hai,, apko Dil se welldone,,, Jay hind Jay sambhidhan.