भारतीय जनता पार्टी की निलंबित पदाधिकारी सीमा पात्रा को बुधवार को रांची में घरेलू नौकर को प्रताड़ित करने और बंधक बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। बता दें कि घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए थे।
आदिवासी सुनीता को रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। सुनीता के कई दांत गायब हैं और वह अस्पताल के बिस्तर पर नहीं बैठ पा रही है। उसके शरीर पर कई चोट के निशान भी हैं, जो बार-बार होने वाले शारीरिक हमले की ओर इशारा करते हैं। वीडियो सामने आने के बाद मंगलवार को भाजपा ने पात्रा को पार्टी से निलंबित कर दिया।
पात्रा भाजपा की महिला विंग की राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य थीं। उनके पति महेश्वर पात्रा एक सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। सीमा पात्रा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 325, 346 (गलत कारावास), और 374 (गैरकानूनी अनिवार्य श्रम) और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि सुनीता की हालत में सुधार होने पर उसका बयान कोर्ट में दर्ज किया जाएगा। एनडीटीवी के मुताबिक सुनीता 29 साल की हैं और झारखंड के गुमला की रहने वाली हैं। लगभग 10 साल पहले, वह पात्रा द्वारा नियोजित की गई थी। शुरुआती चार सालों में सुनीता ने दिल्ली में बीजेपी नेता की बेटी वत्सला पात्रा के लिए काम किया। इसके बाद परिवार रांची शिफ्ट हो गया। सुनीता ने आरोप लगाया है कि अगले छह वर्षों में सीमा पात्रा ने उन्हें क्रूर यातनाएं दीं।
एक वीडियो में, वह याद करती है कि उसे गर्म तवे और रॉड से पीटा गया था। सुनीता ने आरोप लगाया है कि उसे फर्श से पेशाब चाटने के लिए भी मजबूर किया गया था। सुनीता ने यह भी कहा कि पात्रा के बेटे आयुष्मान ने उनकी मदद की। टॉर्चर का पता चलने पर आयुष्मान ने एक दोस्त से मदद मांगी। दोस्त ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सुनीता को बचा लिया गया।