मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी हाईकमान में टकराव की खबरों के बीच बड़ी खबर सामने आई है। एक अखबार ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि यूपी के आगामी विधान सभा चुनाव में बीजेपी को अपने आंतरिक सर्वे में 100 सीटें भी नहीं मिल पा रही है। इस सर्वे पर भरोसा किया जाए तो राज्य की सत्ता से बीजेपी का जाना तय है। वहीं सीएम योगी को लेकर भी बीजेपी में रोष है।
दैनिक भास्कर ने सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि विधान सभा चुनाव में बीजेपी 100 सीटों से कम पर ही सिमट जाएगी। ऐसे में अब बीजेपी हाईकमान छोटे दलों की रणनीति बनाने में जुटी है। दरअसल, बीजेपी को एहसास हो गया है कि अगर सत्ता में फिर से वापसी करनी है तो छोटे दलों को साथ लेना होगा।
अखबार ने कहा कि लखनऊ से लेकर दिल्ली की सारी उठापठक इस सर्वे को लेकर ही जो रही है। आरएसएस भी इस सर्वे के कारन गंभीर चिंतन में है। माना जा रहा है कि आगामी चुनाव सीएम योगी के बजाय किसी और चेहरे पर भी लड़ा जा सकता है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी(सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से गठबंधन को लेकर बातचीत की है। लेकिन वह पहले ही ओवेसी की पार्टी के साथ गठबंधन कर चुके है। इसके अलावा सहयोगी दल निषाद पार्टी और अपना दल से भी बातचीत की गई। लेकिन दोनों ने अपनी मांगे रख दी है।
दूसरी और आज अखिलेश यादव ने 2022 के चुनाव के लिए बसपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिय। उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी बड़े दलों के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। हम छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार कांग्रेस या बसपा के साथ किसी गठजोड़ की भी संभावना नहीं है क्योंकि हमें उनके साथ अच्छा अनुभव नहीं है। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा, “उत्तर प्रदेश के लोग तय करेंगे कि उनके लिए कौन अच्छा है।”