50 साल पहले आजाद हुए बांग्लादेश ने प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत को पछाड़ा

1971 में पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र बने बांग्लादेश को 50 साल ही हुए है लेकिन वह हर दिन कामयाबी के नए झंडे गाड़ रहा है। बांग्लादेश ने के बड़ा कारनामा करते हुए प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया। जबकि वह हर साल कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है।

जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अपनी प्रति व्यक्ति आय 2227 डॉलर होने की घोषणा की है। यह 2019-20  में घोषित  2064 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय से ज्यादा है। बांग्लादेश के योजना मंत्री एमए मन्नान ने सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ हुई कैबिनेट बैठक में बताया कि देश में प्रति व्यक्ति आय 2,064 डॉलर से बढ़कर 2,227 डॉलर हो गई है।

बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय अब भारत की प्रति व्यक्ति आय से 280 डॉलर अधिक है जो कि 1,947 डॉलर है। 2007 में, बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय भारत की तुलना में आधी थी, लेकिन अगर आईएमएफ के नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक पर विश्वास किया जाए तो यह 2025 में एक बार फिर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में विशाल पड़ोसी से आगे निकल जाएगा।

लेकिन बांग्लादेशियों को इस बात की अधिक खुशी है कि उन्होंने पाकिस्तान को बहुत पीछे छोड़ दिया है। उन्होने पाकिस्तान से 1971 का एक प्रकार से मीठा बदला ले लिया जिसमें 30 लाख बंगाली मा’रे गए थे। पीएम शेख हसीना ने हाल ही में पत्रकारों से कहा, “मेरे पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से अलग होने का सही फैसला लिया। देखें कि वे कहां हैं और आज हम कहां हैं।”

बांग्लादेश के पूर्व सूचना और दूरसंचार मंत्री तराना हलीम ने कहा: “पाकिस्तान एक डूबता हुआ जहाज है क्योंकि उसने एक सै’न्य-संचालित रक्षा बजट केंद्रित अर्थव्यवस्था विकसित की है जिसमें पर्याप्त आतं*की वित्तपोषण बोझ है। 2009 में अवामी लीग के कार्यभार संभालने के बाद, हमारी नेता हसीना ने मजबूत ट्रिकल-डाउन प्रभावों के साथ मानव और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया। हमारे पास एक स्थिर नागरिक सरकार है और भारत के साथ अच्छे संबंधों से हमें लाभ हुआ है।

हलीम ने यह भी कहा कि 2021 में लगभग 3500 मिलियन डॉलर की आमद के साथ विदेशी प्रेषण बांग्लादेश के एक मजबूत स्तंभ के रूप में विकसित हुआ है। हलीम ने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि बांग्लादेशी इसलिए भारत आते हैं क्योंकि उनके पास घर पर पर्याप्त भोजन नहीं है। उन्होने कहा, “हमने खाद्य सुरक्षा हासिल की है और कुछ लाख भारतीय बांग्लादेश में काम करते हैं।”

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