बहरीन संसद ने की भारतीय मुसलमानों के साथ भेदभाव पर मोदी सरकार की निंदा

मनामा : बहरीन की संसद के 23 सदस्यों ने भारतीय राज्य कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर लगाए गए प्रतिबंध की कल करते हुए ‘भेदभावपूर्ण’ फैसले को तुरंत समाप्त करने के लिए सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की मांग की।

संसद ने सर्वसम्मति से देश में “मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रति इस तरह के भेदभाव” के खिलाफ एक बयान जारी करने के लिए अल असला ब्लॉक के अध्यक्ष और सेवा समिति के अध्यक्ष अहमद अल अंसारी के नेतृत्व में 23 सांसदों के एक तत्काल प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

मुसलमानों के साथ हो रहे भेदभाव के कारण भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। इससे पहले अमेरिका ने भारतीय स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के साथ भेदभावपूर्ण कृत्य के खिलाफ अपनी चिंता दर्ज कराई है।

हाल ही में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने सोमवार को मुसलमानों और उनके इबादत स्थलों को निशाना बनाने वाले लगातार ह’मलों, विभिन्न राज्यों में मुस्लिम विरोधी कानूनों की हालिया प्रवृत्ति और मुसलमानों के खिलाफ हिं’सा की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

ओआईसी ने हाल ही में कर्नाटक राज्य में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने पर चिंता जताई है। इसने उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में मुसलमानों के नरसं’हार के लिए सार्वजनिक आह्वानऔर सोशल मीडिया साइटों पर मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाओं को पर भी चिंता व्यक्त की है।

OIC ने इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र तंत्र और मानवाधिकार परिषद (HRC) से आवश्यक उपाय करने के लिए  विशेष प्रक्रियाओं का आह्वान किया।

ओआईसी ने आगे भारत से मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने और उनके खिलाफ हिं’सा और घृ’णा अप’राधों के लिए उकसाने वालों और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने का आग्रह किया है।

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