हुरुन इंडिया और एडेलगिव ने गुरुवार को एडलगिव हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2021 जारी की। जिसमे भारतीय बिजनेस टाइकून अजीम प्रेमजी ने दूसरी बार भारत के परोपकारी अरबपतियों में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। सॉफ्टवेयर प्रमुख विप्रो के संस्थापक ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ₹9,713 करोड़ का दान दिया, जो प्रति दिन के हिसाब से 27 करोड़ रुपए है।
एचसीएल के शिव नादर ने 59 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,263 करोड़ रुपये के वार्षिक दान के साथ एक बार फिर सूची में दूसरा स्थान बरकरार रखा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और उनके परिवार 577 करोड़ रुपये के वार्षिक दान के साथ परोपकार सूची में तीसरे स्थान पर रहा।
हुरुन इंडिया और एडेलगिव के अनुसार, कट-ऑफ 54% ऊपर होने के बावजूद, इस साल भारत के शीर्ष 10 में केवल एक नया चेहरा है। शिव नादर के नेतृत्व में और उसके बाद मुकेश अंबानी और बजाज एंड परिवार के नेतृत्व में तीन व्यक्ति अभी भी पांच साल बाद भारत को शीर्ष 10 में बनाते हैं।
The Top 10 in the EdelGive Hurun India Philanthropy List 2021 is shown below
Rank | Name | Donation (INR Cr) | Change % | Primary Cause | Company | 3yr Donationn (INR Cr) |
1(-) | Azim Premji & family | 9,713 | 23% | Education | Wipro | 18,070 |
2(-) | Shiv Nadar & family | 1,263 | 59% | Arts, Culture & Heritage | HCL Technologies | 2,884 |
3(-) | Mukesh Ambani & family | 577 | 26% | Education | Reliance Industries | 1,437 |
4(-) | Kumar Mangalam Birla & family | 377 | 47% | Healthcare | Aditya Birla | 732 |
5(+2) | Nandan Nilekani | 183 | 15%
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Societal Thinking | Infosys | 546 |
6(+2) | Hinduja family | 166 | 25% | Education | Hinduja | 351 |
7(+3) | Bajaj family | 136 | 83% | Healthcare | Bajaj | 341 |
8(+1) | Gautam Adani & family | 130 | 48% | Disaster Relief | Adani | 302 |
8(-3) | Anil Agarwal & family | 130 | -40% | Disaster Relief | Vedanta | 458 |
10(+24) | Burman family | 114 | 502% | Healthcare | Dabur India | 151 |
यह भारत में सबसे उदार व्यक्तियों की 8वीं वार्षिक रैंकिंग है। जो भारत में 1,007 सबसे अमीर व्यक्तियों की रैंकिंग है, जिसे दसवें वर्ष के लिए सितंबर 2021 में जारी किया गया। इस साल की एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रॉपी लिस्ट 2021 में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया गया है जिन्होंने समीक्षाधीन अवधि के दौरान 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक का दान दिया है।
बता दें कि अजीम प्रेमजी को अपने पिता मोहम्मद हासम प्रेमजी से 1966 में वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स नामक कंपनी विरासत में मिली थी। आगे चलकर यही कंपनी विप्रो बन गई और आज भारत समेत दुनियाभर में टॉप आईटी कंपनी के तौर पर पहचान बना चुकी है।
They are not doners they have given money to double the money. This has been passed on to those hands who are sucking the blood of poor. The people who swet their blood are dying on roads but they have no sympathy for them.