समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि वह अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बता दें कि अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्होने कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। 2012 में भी जब वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। तो उन्होंने राज्य की विधान परिषद के सदस्य के रूप में शपथ ली थी।
यादव ने सोमवार को यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने अगले साल होने वाले राज्य चुनावों के लिए राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया है। यादव ने कहा कि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी उनके चाचा शिवपाल यादव के संगठन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के साथ गठबंधन करने के लिए भी तैयार है।
अखिलेश यादव ने कहा, “उन्हें [शिवपाल यादव] और उनकी पार्टी के सदस्यों को उचित सम्मान दिया जाएगा।”
अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के साथ मतभेद के बाद शिवपाल यादव ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया था।
समाजवादी पार्टी पहले ही ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला कर चुकी है।
राजभर की पार्टी ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी के रूप में चार सीटें जीती थीं। हालाँकि पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सीट आवंटन को लेकर भाजपा के साथ मतभेदों के बाद गठबंधन छोड़ दिया।