पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश के कई हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपा का रहा है। जिसके साइड इफेक्ट आना शुरू हो गए है। हाल ही में अडानी ग्रुप ने लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुविधा शुल्क को बढ़ाकर दस गुना कर दिया था। अब देश के अन्य एयरपोर्ट को लेकर भी ऐसा ही फैसला लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, मैंगलोर और तिरुवनंतपुरम के हवाई अड्डों पर भी जल्द ही सुविधा शुल्क में 10 गुना वृद्धि की जाएगी। बता दें कि लखनऊ सहित इन सभी एयरपोर्ट का संचालन अडानी ग्रुप करता है। हाल ही में ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अडानी ग्रुप ने ने एक नई ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी को हायर किया। जिसके कारण दस गुना तक चार्ज में वृद्धि की गई हैं।’
अडानी को इन हवाई अड्डों का संचालन ‘मासिक प्रति यात्री शुल्क’ के आधार पर सबसे अधिक बोली लगाने पर मिला है। जल्द ही वह रेलवे स्टेशन को भी संभालते हुए दिखेगा। दरअसल, मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के पुनर्विकास के कॉन्ट्रैक्ट के लिए अडानी रेलवेज ने भी बोली लगाई है।
अडानी रेलवेज उन नो कंपनियों में शामिल है। जिसने बोली लगाई है। इन कंपनियों में अडानी रेलवेज के अलावा गोदरेज प्रॉपर्टीज, ओबेरॉय रियल्टी, एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स, आईएसक्यू एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन, मोरीबस होल्डिंग्स, जीएमआर एंटरप्राइजेज और बीआईएफ IV इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग डीआईएफसी शामिल हैं।
बता दें कि रेलवे ने निजी क्षेत्र के सहयोग से कुल 123 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना बनाई है जिसमें 63 पर IRSDC और 60 पर RLDA काम करेगा। इन सभी स्टेशनों के पुनर्विकास पर करीब 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप कि तर्ज पर है।
लोकतंत्र नहीं अब व्यवसाय तंत्र हो गया।
People of country are themselves responsible who repeatedly vote for Pro-corporate political party.
It is just begining. Aage aage dekho hota hai kya hansta hai kya aur rota hai kya.