अहमदाबाद के कच्छ में पान की दुकान चलाने वाले अब्दुल का कुछ दिन पहले 25 साल की उम्र में निधन हो गया। दरअसल, वह स्कूटी से कहीं जा रहे थे, उसी दौरान वह एक हादसे के शिकार हो गए। हादसे में बुरी तरह से घायल होने के बाद उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां कुछ दिन इलाज चला लेकिन डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
डॉक्टर ने बताया कि अब्दुल का ब्रेन डेड हो चुका था, लेकिन उसके शरीर का बाकी अंग काम कर रहे थे। डॉक्टरों को लगा कि उसके अंग किसी जरूरतमंद को दिए जा सकते हैं। अस्पताल की काउंसिलिंग टीम ने अब्दुल के परिवार से बारे में बात की और बेटे के अंग डोनेट करने का प्रस्ताव पेश किया। अंगदान के बारे में समझाने पर वे मान गए।
वहीं अस्पताल में 52 साल के बैंक कर्मचारी शैलेंद्र को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। परिवार ने अब्दुल के दिल को शैलेंद्र के शरीर में ट्रांसप्लांट करने की अनुमति दे दी। आज अब्दुल का दिल शैलेंद्र के सीने में धड़क रहा है।
लंबे समय से अंग डोनेशन की मुहिम चला रहे अहमदाबाद के विधायक गयासुद्दीन शेख कहते है कि रमजान के मुबारक महीने में यह बहुत बड़ा काम है। गुजरात में शायद ऐसा पहली बार है जब किसी मुस्लिम शख्स ने अंगदान किया है।
उन्होने कहा, हम लंबे समय से परिवारों को अंगदान करने के लिए राजी कर रहे हैं। हमारी परंपरा में अंगदान को लेकर कुछ विपरीत मान्यताएं है लेकिन इस पहल कदमी से और लोग सामने आएंगे।